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9 ब्लॉकों में खोले गए 10 कस्टम हायरिंग सेंटर, कृषि यंत्रों पर मिलेगी सब्सिडी और सहूलियत

खेती में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को कम कीमत पर मशीनें खरीदने की सुविधा दे रही है। इसमें 80 प्रतिशत तक सब्सिडी के जरिये सरकार मदद कर रही।
 

किसानों को सब्सिडी पर मिलेंगे कृषि यंत्र

खेती करने में होगी सहूलियत

किसानों की आय बढ़ाने के लिए मदद की योजना
 

चंदौली जिले के 9 विकास खंडों में दस कस्टम हायरिंग सेंटर खोले गए हैं। यहां से किसान सरकार से मिलने वाली सब्सिडी के तहत कृषि यंत्र खरीद सकेंगे। इससे किसानों को अपनी आय बढ़ाने में सहूलियत होगी।

आपको बता दें कि खेती में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को कम कीमत पर मशीनें खरीदने की सुविधा दे रही है। इसमें 80 प्रतिशत तक सब्सिडी के जरिये सरकार मदद कर रही। इसके लिए भारत सरकार कस्टम हायरिंग सेंटर योजना शुरू की है। इसमें छोटे किसानों को आधुनिक कृषि यंत्र किराये पर मुहैया कराने के साथ नई मशीनें सस्ते दाम में बेची जाएंगी।

बताते चलें कि इन केंद्रों को कृषि यंत्र बैंक भी कहा जाता है। जिले में 10 कस्टम हायरिंग सेंटर खोले गए हैं। नौगढ़ में दो, चंदौली, धानापुर, चहनिया, सकलडीहा, नियंताबाद, चकिया, शहाबगंज और चहनिया में एक एक केंद्र खोले गए हैं।

फार्म मशीनरी बैंक खोल कर सकते हैं कमाई
किसान फार्म मशीनरी बैंक खोलकर कमाई कर सकते हैं। वे सीएससी फॉर्म मशीनरी नामक एप पर ऑर्डर देकर जरूरी उपकरण सस्ते दाम पर घर मंगवा सकते हैं। जो लोग एग्रीकल्चर मशीनरी का व्यवसाय करना चाहते हैं, उन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी जाएगी। इससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं।

किसानों की आमदनी बढ़ाने का मकसद
चंदौली जिले के किसानों की आमदनी बढ़ाने के मकसद से सरकार ने नई सुविधा दी है। इसमें किसान सीएचसी फॉर्म मशीनरी एप के जरिये खेती से संबंधित मशीनें किराए पर दे सकते हैं। इससे उनकी कमाई बढ़ेगी तो आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को सहूलियत होगी। एप में किसान अपना पूरा विवरण दे सकते हैं। मशीनरी का रेट सरकार तय नहीं करेगी। मैकनाइजेशन एंड टेक्नॉलोजी डिवीजन के अनुसार मार्केट में कंपटीशन बनाने के लिए रेट तय करने का अधिकार किसान को होगा।

मानसिंह कुशवाहा बोले-
इस संबंध में चंदौली जिले के कृषि विभाग के अपर अभियंता मानसिंह कुशवाहा ने बताया कि जिले में सभी ब्लॉकों में कस्टम हायरिंग सेंटर खोले गए हैं, ताकि किसानों को कृषि यंत्र सहूलियत के साथ समय से मिल सकें।

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