जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

पंडित कमलापति त्रिपाठी के जन्मदिन पर गरजे वक्ता, विकास पुरुष के बाद जिले को छलते रहे हैं सारे राजनेता

मेडिकल कॉलेज बनाने के नाम पर पंडित जी के द्वारा बनवाए गए जिला अस्पताल को भी तोड़फोड़ कर तहस-नहस कर प्राइवेट हाथों में सौंपने की साज़िश किया जा रहा है और उस अस्पताल से पंडित जी का नाम हटाए जाने की साज़िश हो रही है।
 

 अत्याचार और अन्याय के खिलाफ मुखर थे पंडित जी

ललितेश पति त्रिपाठी ने भी समारोह में की शिरकत

पंडित जी के कार्यों का उल्लेख करके जनता को दिलाया याद

पंडित कमलापति त्रिपाठी स्मृति सेवा संस्थान चन्दौली की तरफ से आज 3 सितम्बर के दिन हिन्दी भाषा के अनन्य सेवक, मूर्धन्य पत्रकार, समर्पित स्वतंत्रता सेनानी एवं यशस्वी राजनेता, चंदौली के भागीरथ अन्नदाता विकास पुरुष पं.कमलापति त्रिपाठी जी की 118 वीं जयंती के अवसर पर  कृतज्ञ एवं श्रद्धा भाव से नमन किया गया। इस अवसर पर पूर्व विधायक पंडित ललितेश पति त्रिपाठी जी ने पंडित जी के मूर्ति पर माल्यार्पण किया।

इस मौके पर लालितेश पति त्रिपाठी ने कहा कि हम लोग सौभाग्यशाली हैं कि पूरे भारत में पंडित जी के जीवन काल में ही जन्मदिन मनाने की शुरुआत पंडित जी की कर्मभूमि चंदौली से शुरू हुआ था। वह आज भी तमाम राजनीतिक सामाजिक उतार-चढ़ाव के बाद भी चंदौली के भागीरथ, विकास पुरुष, अन्नदाता परम पूज्य पंडित कमलापति त्रिपाठी जी का जन्मदिन हम चन्दौली के लोग हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।

कमलापति त्रिपाठी जी चन्दौली के ब्रांड एम्बेसडर थे। पंद्रह साल की उम्र में ही न केवल संघर्ष काल की राजनीतिक जीवन यात्रा शुरू की, बल्कि 15 साल की उस छोटी उम्र में ही आजादी की लड़ाई में जेल भी चले गये। त्रिपाठी जी का विराट व्यक्तित्व परम्परा और आधुनिकता का एक आदर्श सेतु था। अपने 70  सालों के सार्वजनिक जीवन में कमलापति त्रिपाठी एक यशस्वी राजनेता के नाते जाने जाते हैं, यद्यपि वह मूल रूप से साहित्य के एवं पत्रकारिता जगत के बड़े आदमी थे। उन्हें त्रिपाठी जी एक समर्पित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी कहा जाता था। गांधी जी के सभी आन्दोलनों में पांच बार जेल गये।

Pt Kamalapati Tripathi

त्रिपाठी जी का संसदीय जीवन भी पचास सालों का रहा था।सन् 1936 के अंत में हुये चुनाव में विधानसभा सदस्य बने थे। विधानसभा के अलावा देश की संविधान सभा, लोकसभा एवं  राज्यसभा में, चंद दिन कम पूरे पांच दशक के अपने विधायी जीवन में उ.प्र. के कैबिनेट मंत्री, उपमुख्य मंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्र में मंत्री, राज्यसभा में नेता विपक्ष आदि पदों के दायित्व निभाये।

कांग्रेस में भी जिले एवं प्रदेश के अध्यक्ष के अतिरिक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और लंबे समय तक कार्यसमिति के सदस्य के रूप में संगठनात्मक दायित्व निभाये। राजनीतिक प्रशासक के रूप में उनकी छवि "विकास की राजनीति" से जुड़े आदर्श राजनेता की थी। गांधीवादी रचनात्मक आन्दोलन की संस्थाओं के साथ बचपन से जुड़े रहे। सन् 1920 में बनी देश की पहली खादी संस्था "श्री गांधी आश्रम", काशी के वह फाउंडर ट्रस्टी थे। उसके अतिरिक्त भी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा की कई खादी संस्थाओं के कार्यकारी प्रबन्धन से आजीवन जुड़े रहे। गांधी स्मृति के भी वह अध्यक्ष रहे। गांधी जी के रचनात्मक आन्दोलन के राष्ट्रीय शिक्षा कार्यक्रम के तहत बने  विद्यापीठों में शामिल 'काशी विद्यापीठ' के वह यशस्वी स्नातक ही नहीं, चांसलर भी रहे। विद्यापीठ को अधिनियमित विश्वविद्यालय बनाने की पहल, अपनी चांसलरशिप गंवा कर भी उन्होंने  अपने मुख्यमंत्रित्व काल में की।

    बहुआयामी व्यक्तित्व और कृतित्व के धनी पं.कमलापति त्रिपाठी से जुड़ी स्मृतियों का सिलसिला अनन्त है। सन् 1905 में ऐतिहासिक बनारस में 3 सितम्बर के दिन (उस वर्ष ऋषि पंचमी) को जन्मे पंडित जी की जयन्ती संवत और ईस्वी सन् दोनों की तिथियों पर मनाने की प्रशस्त परम्परा रही है।  उनकी 118 वीं जयन्ती पर उनकी सतत प्रेरक स्मृतियों को मैं प्रणाम करता हूं। जनपद चंदौली की इस समय स्थिति ये हो गई है कि1989 के बाद चन्दौली  से कांग्रेस का प्रतिनिधित्व खत्म हुआ तब से आज 35 वर्षों तक इस जिले के विकास के नाम पर  पूर्व की सरकारों व जनप्रतिनिधियों एवं तत्कालीन सरकार व जनप्रतिनिधियों के द्वारा विकास के नाम पर यहां की जनता के साथ छलावा किया गया आज चन्दौली अपनी दुर्दशा पर रो रहा है।

Pt Kamalapati Tripathi

 35 से 40 वर्ष पूर्व में कांग्रेस की सरकार में पंडित जी के द्वारा कराए गए विकास कार्यों की पूर्व एवं वर्तमान सरकारों द्वारा मरम्मत तक नहीं किया जा सका। चुनावी सभा कार्यक्रम में चन्दौली पॉलिटेक्निक कॉलेज की जो बाउंड्री वॉल तोड़ी गई आज 7 से 8 वर्षो तक उस बाउंड्री को भी नहीं जोड़ा गया। बाउंड्री से लेकर बिल्डिंग तक खंडहर बन चुका है। राजकीय डिग्री कॉलेज में नए विषयों की मान्यता तक नहीं मिल पाई है। वह जस का तस पड़ा हुआ है। कांग्रेस सरकार में बने इसी डिग्री कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज में जनपद के जिला अधिकारी से लेकर तमाम बड़े अधिकारी निवास करते हैं।

मेडिकल कॉलेज बनाने के नाम पर पंडित जी के द्वारा बनवाए गए जिला अस्पताल को भी तोड़फोड़ कर तहस-नहस कर प्राइवेट हाथों में सौंपने की साज़िश किया जा रहा है और उस अस्पताल से पंडित जी का नाम हटाए जाने की साज़िश हो रही है। जनपद चन्दौली में नहरों का जाल बिछा हुआ है। लेकिन सरकार एवं जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण जिले में सुखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नहरें टूटी फूटी जीर्णशीर्ण अवस्था में घास फूस से पटी हुई हैं। साफ सफाई तक नहीं हो पा रही है। नहरों की सफाई के नाम पर घपलेबाजी और भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
कांग्रेस की सरकार में पंडित जी के द्वारा नारायणपुर में एशिया का सबसे बड़ा लिफ्ट कैनाल बनवाया गया। उस लिफ्ट कैनाल को चलाने के लिए पर्याप्त मात्रा में बिजली तक उपलब्ध नहीं हो पा रही है, जिसके कारण पूरी क्षमता से लिफ्ट कैनाल को चलाया नहीं जा सकता। रोस्टर वाइज नहरों को चलाया जा रहा है, जिससे किसानों को सिंचाई करने में परेशानी महसूस हो रही है।

कांग्रेस सरकार में पंडित जी ने चकिया, नौगढ़ में दर्जनों बांध बंधियो का निर्माण कराया था, जो मरम्मत के अभाव में ध्वस्त पड़े हुए हैं। बांधों में किसानों की सिंचाई के लिए पानी तक उपलब्ध नहीं है । 40 वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार में पंडित जी के द्वारा बनाए गए पॉलिटेक्निक कॉलेज, डिग्री कॉलेज, सिंचाई विभाग, जिला हॉस्पिटल की बिल्डिंग में ही न्यायाधीशों एवं जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सहित जिले के उच्चाधिकारियों का आवास है। 40 वर्षों में इन अधिकारियों के रहने के लिए आवास तक नहीं बन पाया है।

कोरोना काल में चन्दौली मझवार स्टेशन पर रुकने वाली आधा दर्जन ट्रेनों का ठहराव बंद कर दिया गया। पूरे विश्व में कोरोना खत्म होने के बाद स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन ऐसा लगता है कि चन्दौली जनपद का करोना काल अभी तक खत्म नहीं हुआ है, जिसके कारण नई ट्रेनों की तो बात छोड़िए पुरानी ट्रेनों का ठहराव भी नहीं हो सका। तत्कालीन सरकार एवं जनप्रतिनिधि जनपद चन्दौली में बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क सभी मोर्चे पर फेल है। इस डबल इंजन की सरकार के द्वारा अभी कुछ माह पूर्व प्रदेश एवं केंद्रीय मंत्रियों के द्वारा 9 साल विकास बेमिसाल का हवा हवाई दिवास्वपन दिखाकर प्रचार-प्रसार किया गया, जो जमीनी हकीकत से कोसों दूर है।

समारोह की अध्यक्षता धर्मेंद्र तिवारी और संचालन डॉ नारायण मूर्ति ओझा किया। इस मौके पर श्री राम जी गुप्ता, देवेंद्र प्रताप सिंह, सपा नेता छोटू तिवारी, चन्दौली चेयरमैन गुड्डू यादव, आनंद शुक्ला, सतीश बिंद, राहुल सिंह, विवेक सिंह, नवीन पांडे, श्रीकांत पाठक, रजनीकांत पांडे, रामानंद यादव, डॉ राम आधार जोसेफ, प्रदीप मिश्रा, वीरेंद्र तिवारी, नरेंद्र तिवारी, हमीर शाह जायसवाल, अमरदेव राम, अरुण द्विवेदी, सत्येंद्र उपाध्याय, गंगाराम, संजय तिवारी, प्रदीप पांडे साजू, दयाराम पटेल, विजय त्रिपाठी, शिव तपस्या तिवारी, शीतल राय, शाहिद, तौसीफ, विवेक सिंह, श्रीकांत पाठक, शाहिद, मूरत पासवान, राधेश्याम यदुवंशी, प्रभात मिश्रा सहित जनपद चन्दौली के सैकड़ों सम्मानित नागरिक कांग्रेस जन पत्रकार बंधु मौजूद रहे।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*