बिहार प्रांत के 156 ट्रक मालिकों की करतूत, परिवहन विभाग को लगा रहे करोड़ों का चूना
अब की जा रही है टैक्स वसूली की कोशिश
एआरटीओ ने बनायी 156 मालिकों की लिस्ट
पौने चार करोड़ का राजस्व है बाकी
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें कि चंदौली जिले में निवासी बन कर कई ट्रक मालिकों द्वारा यहां किराएदारी लिखकर ट्रक का नंबर लेने का मामला सामने आया है, जिसमें ट्रक मालिक का पता आधार पर बिहार प्रांत के भभुआ जिले का है और टेंपरेरी पता चंदौली जिले का दिखाकर ट्रकों का ट्रांसफर कराया गया है, लेकिन 2 साल टैक्स जमा करने के बाद अब ये ट्रक मालिक टैक्स न जमा कर रहे हैं।
इस मामले के सामने आने पर जब इस मामले की तहकीकात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन सर्वेश कुमार गौतम द्वारा की गई , तो पता चला कि 156 ऐसे ट्रक मालिक हैं, जो कि बिहार के बार्डर के जिले का होने का फायदा उठाने की कोशिश की। इनके द्वारा स्थाई पता बिहार प्रांत के भभुआ जिले का लगा है और टेंपरेरी पता किराएदारी के नाम पर चंदौली का है। ये चंदौली जिले से गाड़ियों का नंबर लगाया है। ऐसी गाड़ियों के एक साल या 2 साल टैक्स जमा करके आगे गाड़ियों का टैक्स नहीं जमा किया जा रहा है। जिसमें पते की जांच की जा रही है तो उस पते पर कोई नहीं मिला है और अब परमानेंट पते पर उनकी तलाश की जाने वाली है।
अब विभाग द्वारा इस मामले में पड़ोसी राज्य के जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी से संपर्क कर उनसे कर वसूली करने की कार्यवाही शुरू की जा रही है।
इस संबंध में सहायक परिवहन सम्भागीय अधिकारी प्रशासन सर्वेश कुमार गौतम ने बताया कि जब टैक्स बकाया की लिस्ट देखी गई तो सबसे ज्यादा ऐसी गाड़ियां पाई गई जिनमें पता दो जगह के होने के कारण इनका टैक्स नहीं जमा हो रहा था । जब इसकी छानबीन की गई तो टेंपरेरी पते पर कोई भी ट्रक स्वामी नहीं मिला है और ना ही स्थाई पते पर ही उनका पता चल रहा है।
सर्वेश कुमार गौतम ने बताया कि अब ऐसे 156 ट्रक मालिकों की तलाश अब फाइनेंस कंपनियां से किया जाएगा और यदि उनसे भी बात नहीं बनी तो इन ट्रक मालिकों के खिलाफ पड़ोसी प्रांत की जिला अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी के माध्यम से कार्रवाई करायी जाएगी। जब तब टैक्स नहीं जमा होता है तब तक संबंधित ट्रक मालिकों के खिलाफ राजस्व विभाग के माध्यम से कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।
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