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बेन गांव के तत्कालीन प्रधान दिलीप व सेक्रेटरी विकास सिंह से होगी 19 लाख की वसूली

2 जून 2021 को तत्कालीन सेक्रेटरी विकास सिंह एवं ग्राम प्रधान दिलीप को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 28 जून 2021 को ग्राम प्रधान द्वारा समय से नोटिस का जवाब नहीं दिया। इस दौरान दोनों पर कुल 11 आरोप पर लगाये गये थे।

 
 

डीएम का आदेश 15 दिन के भीतर जमा करें पैसा

नहीं जमा करने पर होगी कुर्की की कार्रवाई

 163 शौचालयों के निर्माण में हेराफेरी का मामला

गबन के आरोपी हैं पूर्व प्रधान व सेक्रेटरी 


चंदौली जिले के जिलाधिकारी  निखिल टीकाराम फुंडे ने बुधवार की देर शाम को एक आदेश जारी करते हुए बेन गांव के तत्कालीन प्रधान दिलीप व तत्कालीन सेक्रेटरी विकास सिंह के खिलाफ रिकवरी का आदेश जारी कर दिया है। 15 दिन के अंदर दोनों को  19 लाख 32 हजार रुपये ग्राम निधि के खाते में जमा करके जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में जानकारी देनी होगी। नहीं तो दोनों की कुर्की व नीलामी करके वसूली की जाएगी।

जानकारी में बताया जा रहा है कि जिला स्तर से करायी गयी जांच में दोषी पाये गये शहाबगंज विकास खंड के बेन गांव के तत्कालीन प्रधान दिलीप व तत्कालीन सेक्रेटरी विकास सिंह को 15 दिन के अंदर गबन की गयी 19 लाख 32 हजार रुपये ग्राम निधि 6 के खाते में जमा करने के बाद उसकी रसीद जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में जमा करनी है। अगर दोनों व्यक्तियों के द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है तो दोनों से गबन की गई धनराशि राजस्व के बकाये के भांति वसूल करने के लिए कुर्की व अन्य कार्यवाई की जायेगी।

Recovery Notice
जानकारी के अनुसार शहाबगंज विकास खंड के बेन गांव निवासी रघुनाथ पुत्र स्व. बालकिशुन ने 5 नवंबर 2020 को शिकायत करके गांव में गड़बड़ी की जांच की मांग की थी।  इसके क्रम में 18 दिसंबर 2020 को शिकायत पत्र में उल्लेखित जांच के लिए जिला दिव्यांग सशक्तिकरण अधिकारी एवं अधिशासी अभियंता निर्माण खंड को सौंपा गया था। 2 जून 2021 को तत्कालीन सेक्रेटरी विकास सिंह एवं ग्राम प्रधान दिलीप को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। 28 जून 2021 को ग्राम प्रधान द्वारा समय से नोटिस का जवाब नहीं दिया। इस दौरान दोनों पर कुल 11 आरोप पर लगाये गये थे।

स्पष्टीकरण में संतोष जनक जबाब न मिलने के रुप में 15 जून 2022 को जिला विद्यालय निरीक्षक चंदौली एवं अधिशासी अभियंता जल निगम की दो सदस्यीय गठित टीम ने प्रकरण की स्थलीय एवं तकनीकी जांच करने एवं धनराशि का गबन करने संबंध में आख्या उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था। 

1 सितंबर को प्रधान व सचिव पर आरोपित 10 आरोपों के संदर्भ में जांच के समय कार्यों का जांच टीम द्वारा संतोष जनक पाया गया। जब कि 11 वें आरोप में शौचालय निर्माण में भारी अनियमितता पाई गई। 

जांच में पाया गया कि गांव में 451 शौचालय के सापेक्ष 229 शौचालय पूर्ण पाये गये। 163 लाभार्थियों के शौचालय का निर्माण ग्राम पंचायत द्वारा नहीं कराया गया। 12 हजार रुपये प्रति शौचालय के दर से 19 लाख 32 हजार रुपये का गबन पाया गया। जिसमें तत्कालीन प्रधान व सेक्रेटरी सामान रुप से दोषी पाये गये।

 
डीएम ने तत्कालीन प्रधान व सेक्रेटरी को गबन की आधी-आधी राशि यानि 9 लाख 66 हजार 100 रुपये 15 दिन के भीतर ग्राम निधि के खाते में जमा करने का आदेश दिया। वे नहीं जमा करते हैं तो उक्त गबन की धनराशि राजस्व के बकाये की भांति वसूल करने की पूरी कार्रवाई की जायेगी।

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