SP के आदेश को जुगाड़ से ठेंगा दिखाने की कोशिश, 3 दर्जन पुलिसकर्मी नहीं छोड़ रहे जिला
36 पुलिसकर्मियों पर नहीं दिख रहा है असर
ट्रांसफर के बाद भी जिले में हैं तैनात
चंदौली जिले से कार्य मुक्त होने के लिए बनाया जा रहा है बहाना
अब क्या करेंगे पुलिस कप्तान
चंदौली जिले में कुछ ऐसे पुलिसकर्मी है जो कि अपने आप को पुलिस अधीक्षक के ऊपर समझते हैं और कप्तान के आदेश को भी ठेंगे पर रखकर कार्य करना पसंद करते हैं। ताजा मामला पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे द्वारा 22 अक्टूबर को दिए गए एक आदेश से जुड़ा है, जिसमें कुल 56 पुलिसकर्मियों को तत्काल कार्य मुक्त करने का आदेश जारी किया गया था। लेकिन उनमें से कई लोगों को चंदौली छोड़ना पसंद नहीं आ रहा है।
बताया जा रहा है कि इन 56 पुलिसकर्मियों में से 8 पुलिसकर्मी मुख्यालय से ट्रांसफर, 34 पुलिसकर्मी जोनल स्तर पर ट्रांसफर तथा 14 पुलिसकर्मी परिक्षेत्र स्तर से ट्रांसफर होने के बाद उन्हें कार्य मुक्त करने की डेट निर्धारित की गई थी। लेकिन इसमें से अब तक 20 पुलिसकर्मी ही पुलिस अधीक्षक के आदेश को मानते हुए चंदौली जिले से कार्य मुक्त हो पाए हैं। शेष पुलिसकर्मी आज भी अपने पावर व प्रभाव के बल चंदौली जिले में अपना सिक्का चलाने में कहीं पीछे नहीं दिख रहे हैं। इसका असर चंदौली जिले के अन्य पुलिसकर्मियों पर देखने को मिल रहा है। इसको लेकर यह भी कहा जा रहा है कि 4 पुलिसकर्मी प्रशिक्षण में तथा 9 पुलिसकर्मी ज्ञानवापी ड्यूटी में कर रहे हैं, जबकि 4 पुलिसकर्मी पुलिस महानिरीक्षक के यहां तैनात हैं।
आपको बता दे कि पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे द्वारा पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र वाराणसी के स्थानांतरित कर्मियों को प्रतिस्थानी की प्रतीक्षा किए बिना कार्य मुक्त करते हुए अनुपालन आख्या का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जाने का निर्देश जारी किया गया था। जिसमें स्पष्ट शब्दों में लिखा गया था कि आपको निर्देशित किया जाता है कि संलग्न सूची में अपने थानों, शाखाओं में नियुक्त राजपत्रिका अधिकारियों, कर्मचारियों के समय अवधि, प्रशासनिक एवं जनहित के अनुकंपा के आधार पर स्थानांतरित कर्मियों को तत्काल कार्य मुक्त करते हुए जीडी नंबर के साथ कार्य मुक्ति की सूचना कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए।
इसी के बाद जुगाड़ का सिलसिला शुरू हो गया। इनमें से 14 पुलिसकर्मी थाने में तैनात हैं, जबकि 8 पुलिस लाइन में तथा 23 पुलिसकर्मी अन्य कार्यालयों में तैनात बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही 9 पुलिसकर्मी ज्ञानवापी ड्यूटी कर रहे हैं।
इसके संबंध में पुलिस अधीक्षक द्वारा अपर पुलिस अधीक्षक सदर एवं नक्सल क्षेत्र तथा समस्त क्षेत्राधिकारियों व पुलिस उपाधीक्षक विधि प्रकोष्ठ प्रयागराज के साथ प्रतिसार निरीक्षक चंदौली को भी सूचनार्थ भेजकर 22 अक्टूबर को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी किया गया था। जिसमें से केवल अब तक 20 पुलिसकर्मियों द्वारा अपना स्थानांतरण होकर जिले से कार्य मुक्त होकर जाने की सूचना है। जिसमें से ऐसे पुलिसकर्मी जिनका स्थानांतरण मुख्यालय स्तर पर हुआ है और उनकी तिथि भी नियत है। जिनकी संख्या 8 है। ऐसे पुलिसकर्मी जिनका स्थानांतरण जोनल स्तर से हुआ है तथा उनकी भी तिथि नियति है उन पुलिस कर्मियों की संख्या कुल 34 है। साथ ही साथ ऐसे पुलिसकर्मी जिनका स्थानांतरण परिक्षेत्र स्तर से हुआ है, उनकी संख्या कुल 14 है।
इसके संबंध में अभी तक की जानकारी में मात्र 20 पुलिसकर्मी चंदौली जिले के पुलिस अधीक्षक के आदेश पर 22 अक्टूबर की निर्धारित तिथि के आधार पर यहां से कार्य मुक्त होकर जा चुके हैं। शेष पुलिसकर्मी कहीं ना कहीं जुगाड़ या मनचाहा जगह पर सेटिंग करने पर जुटे हुए हैं । वहीं विभाग के लोगों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि 5 हेड कांस्टेबल तथा साथ उप निरीक्षक ज्ञानवापी ड्यूटी में हैं। वहीं तीन उपनिरीक्षक पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी के यहां तैनात हैं, जिन्हें वहां से भी कार्य मुक्त कर दिया गया है, लेकिन उनकी निर्धारित तिथि 31 के पहले रवाना करने का आदेश भी साथ में दिया गया है ।
इसके साथ ही चार पुलिसकर्मी प्रशिक्षण में गए हैं ,जिन्हें अभी वहां से कार्य मुक्त करना संभव नहीं है। लेकिन इसके बाद जो पुलिसकर्मी जिले में है। वह अब तक किसी न किसी जुगाड़ के पक्ष में जुटे हुए हैं, क्योंकि इस सूची में सम्मिलित पुलिसकर्मियों की विभागीय जानकारी के अनुसार माना जाए तो लगभग तीन बार डेट निर्धारित होने के बाद भी जिले में बने हुए हैं।
अब देखना है कि पुलिस अधीक्षक के इस डेट निर्धारण में कितने पुलिसकर्मी अपने उच्च अधिकारियों के आदेश को मानते हुए चले जाते हैं और कितने पुलिसकर्मी जुगाड़ के बल पर जिले में जमे रहते हैं। ऐसे पुलिसकर्मियों पर पुलिस अधीक्षक द्वारा किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है।
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