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चंदौली में पूरी होगी छोटे पुलों की डिमांड, 6.70 करोड़ की लागत से बनेंगे 4 जगहों पर नए छोटे पुल

जिले में 6.70 करोड़ की लागत से चार नए छोटे पुल का निर्माण कराया जाएगा। करीब तीन साल पहले भेजे गए प्रस्ताव को अब शासन की मंजूरी मिल गई है। ये पुल बन जाने से 120 से ज्यादा गांवों की ढाई लाख से ज्यादा आबादी लाभान्वित होगी।
 

120 गांवों के 4 लाख से अधिक लोगों को होगी आने-जाने में सुविधा

3 साल पहले भेजे गए प्रस्ताव को अब मिली है शासन की मंजूरी

6.70 करोड़ से जिले में बनेंगे 4 नए छोटे पुल

चंदौली जिले में 6.70 करोड़ की लागत से चार नए छोटे पुल का निर्माण कराया जाएगा। करीब तीन साल पहले भेजे गए प्रस्ताव को अब शासन की मंजूरी मिल गई है। ये पुल बन जाने से 120 से ज्यादा गांवों की ढाई लाख से ज्यादा आबादी लाभान्वित होगी। इन गांवों के लोग पुल के अभाव में या तो नदी को पैदल पार करते हैं या 10 किमी से भी ज्यादा दूरी तय कर दूसरी तरफ पहुंचते हैं। धनराशि उपलब्ध होने के बाद टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर पुल का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।

आपको बता दें कि गुजरात के मोरबी और बिहार प्रांत में 11 पुल गिर जाने के बाद शासन के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी ने जिले में पुलों और पुलियों का सर्वे किया था। सर्वे के बाद जिले में पांच नए पुल बनाने की आवश्यकता जताई गई थी।पीडब्ल्यूडी ने इन पुलों के निर्माण के लिए कार्ययोजना बनाकर शासन को प्रस्तावित किया था। शासन से चार पुल बनाने की अनुमति मिली है। साथ ही शासन स्तर से 6.70 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाने के बाद विभाग ने टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर एक पुल का निर्माण भी शुरू कर दिया है। तीन अन्य पुलों के निर्माण भी जल्दी ही शुरू किए जाएंगे।

जिले में जिन चार नए छोटे पुल के निर्माण के लिए मंजूरी मिली है, उसमें गोरारी-सोनबरसा सिरकोनिया-चंद्रप्रभा नदी पर 3 करोड़ 28 लाख से छोटे पुल व पहुंच मार्ग, ग्रामसभा महुरा में कलाधर सिंह की मशीन के पास 69.91 लाख से पुलिया के निर्माण की योजना है।  इसके अलावा ग्रामसभा कादिराबाद के पास अगहरवीर वहोरिया नदी के कटशिलवा पर 2 करोड़ 24 लाख की लागत से पुलिया के निर्माण और पांडेयपुर-सिकंदरपुर में असुरक्षित छोटे पुल की जगह 68.75 लाख से पुलिया के निर्माण की योजना शामिल है।

पीडब्ल्यूडी के सर्वे में इन स्थानों पर जरूरत के हिसाब से छोटे पुल का निर्माण कराया जा रहा है। पुल बन जाने से ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा होगी।

उधर, गोरारी-सोनबरसा सिरकोनिया-चंद्रप्रभा नदी पर आजादी के बाद से कोई पुल ही नहीं है। इसकी वजह से बिंदपुरवां सहित कई और गांवों के बच्चे जान जोखिम में डालकर मुस्तफापुर स्कूल जाते हैं। बच्चों को पेड़ के तना के सहारे नदी पार कर उस पार स्कूल जाना पड़ता है। कई बार हादसे हो चुके थे। इसके बाद पुल के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। गोरारी-सोनबरसा-सिरकोनिया-चंद्रप्रभा नदी पर पुलिया व मार्ग का निर्माण शुरू करा दिया गया है। पुलिया बनाने के लिए खोदाई का काम पूरा कर लिया गया है। अब पिलर बनाने की तैयारी चल रही है। बारिश से पहले इस पुलिया का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

नदी पार करते समय डूबने से हुई थी मौत

नौ सितंबर 2016 को पुल के अभाव में नदी को पैदल पार करने के दौरान अगहरवीर बहुरिया नदी में डूबकर वेफली देवी (45) की मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने वेफली देवी का शव रखकर प्रदर्शन किया था और नदी पर पुल बनवाने की मांग की थी। लोगों ने बताया कि पुल बन जाने से करीब 20 गांवों के लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी। पूर्वी महाइच व पूर्वी नरवन परगना के ग्रामीणों को नदी पार करने की समस्या से निजात मिल जाएगी।

आठ और नए पुल बनेंगे

 जिले में जर्जर हो चुके आठ और पुल की जगह नए पुल बनाने की योजना है। सर्वे में इन पुलों पर भी आवागमन खतरनाक बताया गया है। इन जर्जर पुल को गिराकर नए पुल बनाए जाएंगे। इसमें चंदासी-भोगवार मार्ग, जीटी रोड से हरिशंकरपुर मार्ग, कुचमन रेलवे स्टेशन वाया सदलपुरा मार्ग, गंजवसनी-रामपुर मार्ग, सैदपुर से नैढ़ी मार्ग, जीटी रोड से डिग्धी मार्ग, दिघवट-नदरा मार्ग और बरथरा से फरसंड, मोहनपुर, माटीगांव होते हुए केशवपुर मार्ग पर नए छोटे पुल का निर्माण किया जाएगा। इसकी कार्ययोजना बनाकर पीडब्ल्यूडी ने शासन के पास भेज दी है।

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