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चंदौली में 5 सहकारी समितियों का 50 लाख रुपये से होगा कायाकल्प

इन समितियों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण से 13 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। सहकारिता आयुक्त के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है और चयनित समितियों की सूची भी आयुक्त को भेज दी गई है।
 

सहकारी समितियों को सुदृढ़ बनाने की पहल

50 लाख रुपये खर्च करने की मिली स्वीकृति

दीपावली के बाद मरम्मत कार्य शुरू होने की संभावना

चंदौली जिले के सहकारी समितियों को सुदृढ़ बनाने और उनके भवनों की दशा सुधारने के लिए जिले में पांच समितियों के भवनों का कायाकल्प किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने कुल 50 लाख रुपये की राशि मंजूर की है, जिसमें प्रत्येक समिति के भवन पर औसतन 10 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

आपको बता दें कि विभाग ने चयनित समितियों के प्रस्ताव शासन को भेजे थे और शासन से स्वीकृति मिल चुकी है। मरम्मत का कार्य दीपावली के बाद शुरू होने की संभावना है। जिले में कुल 83 सहकारी समितियां हैं, जिनसे लगभग 1.15 लाख कृषक परिवार लाभान्वित होते हैं। लंबे समय से भवनों का रख-रखाव न होने के कारण ये जर्जर हो चुके हैं और सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं रहे।

इस परियोजना के तहत चयनित समितियां हैं:

  •     नियामतावाद ब्लॉक में कठौरी व करवत
  •     शहाबगंज में सिंघरौल
  •     चकिया में उतरौत
  •     सकलडीहा में भोजापुर

इन समितियों की मरम्मत और सुदृढ़ीकरण से 13 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है। सहकारिता आयुक्त के निर्देश पर यह कदम उठाया गया है और चयनित समितियों की सूची भी आयुक्त को भेज दी गई है। मरम्मत के बाद इन समितियों से किसानों को उर्वरक वितरण, सदस्यता अभियान और अन्य सहकारी गतिविधियों में सुविधा होगी।

इस संबंध में श्रीप्रकाश उपाध्याय, एआर सहकारिता ने बताया कि सहकारी समितियों के भवनों का कायाकल्प उनके संचालन और किसानों के हित में महत्वपूर्ण कदम है। मरम्मत के बाद इन समितियों की कार्य क्षमता और सेवा में सुधार आएगा।

यह पहल जिले में सहकारी समितियों को मजबूत बनाने और किसानों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। शासन ने पहले ही उर्वरक वितरण में सहकारी समितियों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए थे, और अब भवनों के कायाकल्प से यह प्रक्रिया और अधिक प्रभावी होगी।

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