चंदौली जिले में बाल विकास विभाग की 8 महिला सुपरवाइजरों को मिली CDPO पद पर प्रोन्नति
सरकारी सेवा में अच्छे कार्य और समर्पण को मिला सम्मान
महिला सुपरवाइजरों को मिली CDPO पद पर पदोन्नति
1995 से 2025 तक विभाग में सुपरवाइजर के पद पर दी हैं सेवाएं
चंदौली उत्तर प्रदेश सरकार ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में कार्यरत महिला सुपरवाइजरों को उनकी दीर्घकालिक सेवा और कार्यकुशलता को देखते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रदेश भर में 194 महिला सुपरवाइजरों को विकास खंड परियोजना अधिकारी (CDPO) के पद पर प्रोन्नत किया गया है। यह कदम महिला कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने के साथ-साथ विभागीय कार्यों में नई ऊर्जा और नेतृत्व प्रदान करेगा।
चंदौली जिले में तैनात आठ महिला सुपरवाइजरों को इस पदोन्नति का लाभ मिला है। यह सभी महिला अधिकारी वर्ष 1995 से 2025 तक विभाग में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत रही हैं और इन्होंने विभागीय कार्यों को ईमानदारी, निष्ठा एवं लगन से निभाया है। इन अधिकारियों की प्रोन्नति न केवल उनके सेवाकाल की स्वीकृति है, बल्कि यह दर्शाता है कि सरकार अब जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले कर्मचारियों की मेहनत को पहचान रही है।
प्रोन्नत होने वाली महिला अधिकारियों में नियमताबाद से अंशु त्रिपाठी, बरहनी से पीयूषा सिंह, सकलडीहा से बीना पांडेय और सुनीता सिंह, सदर विकासखंड से प्रमिला सिंह और रेनू पांडेय, चहनियां से लालिमा पांडेय तथा धानापुर से मीरा कुमारी के नामशामिल हैं। ये सभी अधिकारी जल्द ही विकासखंडों में सीडीपीओ के पद पर कार्यभार संभालेंगी और आंगनबाड़ी केंद्रों, पोषण अभियान, मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम जैसे विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन और निगरानी करेंगी।
इससे पहले सरकार द्वारा मिनी आंगनबाड़ी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का भी प्रमोशन किया गया था, जिससे अन्य कर्मचारियों को सम्मान और बेहतर अवसर मिल सका। यह प्रोन्नति अभियान विभागीय ढांचे को सुदृढ़ करने और योजनाओं के सुचारू संचालन में सहायक सिद्ध होगा।
प्रोन्नति प्राप्त अधिकारियों ने सरकार के इस निर्णय के प्रति आभार जताया है और कहा कि यह पदोन्नति न केवल उनके जीवन में एक नया मोड़ लेकर आई है, बल्कि यह भविष्य की जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाने की प्रेरणा भी है। महिला कल्याण, पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर कार्य करते हुए ये अधिकारी अब नेतृत्व की भूमिका में होंगी और नारी सशक्तिकरण की मिसाल पेश करेंगी।
इस निर्णय से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि सरकार अब विभागीय कर्मियों की निष्ठा और सेवा का मूल्यांकन करते हुए उन्हें उचित सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है। चंदौली जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के कल्याण में इन अधिकारियों की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगी।
इस कदम से जहां एक ओर विभागीय कार्यों में चुस्ती और पारदर्शिता आएगी, वहीं दूसरी ओर यह उदाहरण अन्य कर्मियों को भी प्रेरित करेगा कि लगातार मेहनत, ईमानदारी और सेवा भावना से कार्य करने पर सम्मान निश्चित है।
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