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बिजली चोरी पर नहीं हो पा रही है तेजी से कार्रवाई, पिछले साल से स्पीड स्लो

वर्ष 2022 में अबतक 364 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एक लाख दो हजार की वसूली हुई है। प्रभारी निरीक्षक पंकज यादव ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष वसूली कम हो पाई है। अभियान चलाकर तेजी से राजस्व की रिकवरी कराई जा रही है।
 

विजलेंस टीम लगातार अभियान चलाकर कर रही कार्रवाई

राजस्व वसूली पिछले सालों के मुताबिक कम

वसूली में तेजी आने की संभावना

चंदौली जिले के अंदर विद्युत की चोरी पर रोक लगाने के लिए करीब 4 साल पहले 15 अगस्त 2019 को सकलडीहा विद्युत उपकेंद्र परिसर में जनपद स्तरीय विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाना खोला गया था। इसके माध्यम से विजलेंस टीम लगातार अभियान चलाकर इन वर्षों में 2923 विद्युत चोरी का मुकदमा दर्ज करा चुकी हैं। इसके साथ ही डेढ़ करोड़ से अधिक के राजस्व की वसूली की गई है।

शासन स्तर पर चार साल पूर्व सकलडीहा विद्युत उपकेंद्र पर जनपद स्तरीय विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाना खोला गया। थाना खुलते ही वर्ष 2019 में चोरी की बिजली जला रहे 395 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। इनमें 120 लोगों से 60 लाख रुपये के राजस्व की वसूली हुई। शेष लोगों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट भेज दी गई। वहीं वर्ष 2020 में 1029 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। करीब एक करोड़ एक हजार दो सौ बीस रुपये समन शुल्क और राजस्व की वसूली हुई। वर्ष 2021 में 1135 लोगों के खिलाफ चोरी की बिजली जलाने को लेकर मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही 10 लाख 71 हजार रुपये की वसूली हुई। 

वहीं वर्ष 2022 में अबतक 364 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एक लाख दो हजार की वसूली हुई है। प्रभारी निरीक्षक पंकज यादव ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष वसूली कम हो पाई है। अभियान चलाकर तेजी से राजस्व की रिकवरी कराई जा रही है।

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि जनपद स्तरीय विद्युत चोरी निरोधक पुलिस थाना की ओर से जांच के दौरान चोरी पकड़े जाने पर कृषि विधान पर दो हजार रूपया प्रति किलोवाट से जुर्माना लगाया जाता है। वहीं घरेलू पर चार हजार, व्यवसायिक चोरी पर 10 और औद्योगिक पर प्रति एचपी 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।

 

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