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चंदौली की सीएमएस उर्मिला सिंह की कार्यशैली पर सवाल, आकांक्षी जिले के शासनादेश नहीं करती हैं पालन

जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा आकांक्षात्मक जिलों के लिए जारी शासनादेश के खिलाफ बिना संबंधित डॉक्टरों के आए ही तबादला किए डॉक्टरों को रिलीव करने काम कर दिया गया है।
 

डॉक्टरों के तबादले पर तेजी दिखा रही हैं महोदया

प्रतिपूर्ति आए बिना डॉक्टरों को किया जा रहा है कार्यमुक्त

चंदौली जिले में स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर हुए तबादले की गड़बड़ी के बाद अब डॉक्टरों की रिलीव करने के मामले में भी ताबड़तोड़ शासनादेश की धज्जियां उड़ाने का सिलसिला जारी है। चंदौली जिले के जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा आकांक्षात्मक जिलों के लिए जारी शासनादेश के खिलाफ बिना संबंधित डॉक्टरों के आए ही तबादला किए डॉक्टरों को रिलीव करने काम कर दिया गया है। जिससे तबादला को रुकवाने के लिए डॉक्टर जोर लगा रहे हैं। वहीं रिलीव होते ही दो डॉक्टर छुट्टी पर चले गए हैं। जिससे चंदौली जिले के मरीजों की फजीहत होनी तय है।


चंदौली जिला एक आकांक्षी जिला है, जिसमें ट्रांसफर हुए अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए एक शासनादेश जारी है, जिसमें साफ साफ लिखा गया है कि जब तक तबादले की प्रतिपूर्ति नहीं आ जाती है, तब तक ट्रांसफर हुए कर्मचारियों एवं अधिकारियों को नहीं छोड़ा जाएगा, लेकिन यह आदेश आईएएस-पीसीएस व आईपीएस-पीपीएस अफसरों पर नहीं लागू होता है

चंदौली जिले के लिए आए शासनादेश की अनदेखी करते हुए पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक  द्वारा ट्रांसफर हुए 3 डॉक्टरों को रिलीव कर दिया है, जिसमें से दो चिकित्सक अवकाश पर चले गए हैं और एक महिला चिकित्सक का विकल्प जिले को मिल पाया है। ट्रांसफर हुए डॉक्टर्स अभी जिले से नहीं जाना चाहते हैं। इसलिए वह अपने स्तर से गुणागणित लगाकर तबादला रुकवाने की कोशिश कर रहे हैं। 
 

Zila Hospital Doctors Transfer


चंदौली जिले के पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला अस्पताल से कुल 6 डॉक्टरों का ट्रांसफर गैर जनपद हुए हैं। इसके साथ ही साथ पैरामेडिकल के 8 कर्मचारी भी गैर जनपद गए हैं। उनके जगह पर कुछ लोग जिला अस्पताल में आ भी चुके हैं।
 
वहीं आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों के तबादले में तबादला नीति विरुद्ध जानकारी देने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पहले ही विभाग द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी। अब डॉक्टरों को रिलीव करने के मामले में इनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

इसी बात को लेकर डॉक्टरों द्वारा बड़ा सवाल उठाया जा रहा है कि अब रिलीव करने के मामले में भी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा तेजी दिखायी जा रही है और शासनादेश को ताख पर रखकर कार्य किया जा रहा है, क्योंकि जनपद आकांक्षी जिला होने के बाद भी शासनादेश का पालन नहीं हो रहा है। 

आकांक्षी जिले के लिए मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र द्वारा प्रेषित शासनादेश में क्रमांक संख्या 11(4)  में स्थानांतरित कर्मचारियों के मुक्त किए जाने के बारे में बताया गया है कि भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश की आकांक्षी जिले जिला योजना से संबंधित 8 जनपदों एवं बुंदेलखंड के समस्त जनपदों में तैनात कर्मियों को उनके नियंत्रक पदाधिकारियों द्वारा तब तक मुक्त न किया जाए, जब तक उनके जगह पर नवागतों के द्वारा कार्यभार ग्रहण न कर लिया जाए। जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि ट्रांसफर हुए अधिकारी या कर्मचारी तब तक नहीं रिलीज किए जाएंगे जब तक उनकी प्रतिपूर्ति में कोई नहीं आ जाता। लेकिन इस शासनादेश की अनदेखी करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा सभी डॉक्टरों को रिलीव करने की कार्यवाही की गई है। साथ ही रिलीव करके इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत भी कराया गया है।

Zila Hospital Doctors Transfer

आपको बता दें कि डॉ अशोक कुमार एनेस्थिसिया के डॉक्टर और शारीरिक रूप से दिव्यांग भी हैं। उन्हें भी रिलीव करने की कार्यवाही की गई है।  इसके साथ ही साथ जिला अस्पताल में तैनात ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर आलोक रंजन को भी रिलीव कर दिया गया है। कहा जा रहा है कि इनके जाने के बाद जिला अस्पताल में ऑपरेशन की समस्या होगी। इसके कारण मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
 
इस संबंध में जब मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ उर्मिला सिंह ने बताया कि निदेशक द्वारा प्राप्त आदेश पर पैरामेडिकल स्टाफ को रिलीव कर दिया गया है और जिन डॉक्टरों के स्थान पर प्रतिपूर्ति आए हैं उन्हें भी रिलीव किया गया है। नए तबादले के निर्देश के क्रम में तीनों चिकित्सकों को रिलीव कर दिया गया है, जिसमें एक का रिप्लेसमेंट आ गया है, जबकि दो के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

आपको याद होगा कि उत्तर प्रदेश के महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं के कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार उत्तर प्रदेश स्थानांतरण नीति 2022-23 के अंतर्गत निर्गत किए गए शासनादेश के अनुपालन में लेवल-1 समूह ख के चिकित्सा अधिकारियों को नीतिगत आधार पर वर्तमान तैनाती स्थल से तत्काल प्रभाव से नए स्थान पर स्थानांतरित किया गया है। इसी क्रम में जारी आदेश के अनुसार चंदौली जिले में तैनात तीन चिकित्सा अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। जारी किए गए आदेश में निश्चेतक के रुप में कार्यकर रहे डॉक्टर कृष्ण मोहन  को चंदौली जिले के पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय बलिया के अधीन तैनात किया गया है। वहीं डॉक्टर श्रुति जायसवाल को मुख्य चिकित्साधिकारी मऊ के अधीन तैनाती दी गई है। जबकि आर्थोपेडिक डॉ आलोक रंजन को सीएमओ आजमगढ़ के अधीन भेजा गया है।

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