DM कैसे रोकेंगी चंदौली में 'राइस मिल पर धान गिरावा, केन्द्र पर खाली अंगूठा लगावा' वाला खेल
जिलाधिकारी के सामने होगी बड़ी चुनौती
धान खरीद को दलालों से कैसे बचाएंगी अबकी
राइस मिलर्स व केन्द्र प्रभारी की भी रहती है मिलीभगत
राइस मिलों में धान गिराकर धान खरीद केन्द्रों पर अंगूठा लगाने का खेल चंदौली जिले में काफी पुराना है, जिसको खाद्य विपणन विभाग के कुछ लोगों के साथ साथ जिले के दबंग किस्म के राजनेताओं को संरक्षण प्राप्त है। ऐसी स्थिति में सामान्य किसान केन्द्रों पर परेशान होता है, जबकि दलालों व राइस मिलरों के साथ साथ केन्द्र चलाने वाले लोगों की चांदी रहती है। किसान नेता व सामान्य किसान केवल कांय कांय चिल्लाकर रह जाते हैं और यह खेल बादस्तूर जारी रहता है।
किसानों का कहना है कि जिलाधिकारी ईशा दुहन को ऐसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त अंगूठा लगवाने वाले दलालों से धान क्रय केंद्र को बचाने की एक बड़ी चुनौती होगी। अगर वह इस खेल को जानने व समझने में सफल हो गयीं तो ही माना जाएगा कि जिले में अबकी बार ईमानदारी से धान की खरीद होगी।
आपको बता दें कि चंदौली जिले में अबकी बार धान खरीद के लिए 2 लाख 70 हजार मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। भले ही चंदौली जिले में कई इलाकों में धान की फसल अच्छी न होने से जिले में कुल पैदावार कम हो रही है, लेकिन अबकी बार धान का उत्पादन पिछले साल से कम होने के बावजूद धान खरीद का लक्ष्य बढ़ाया गया है। इस बार कम से कम 25000 कुंतल अधिक धान की खरीद होगी। पिछले साल जिले में केवल 2,45,000 रन का लक्ष्य रखा गया था।
आपको बता दें कि चंदौली जिले में धान खरीद के लिए कुल 121 धान खरीद केन्द्र खोले गए हैं जिसमें हर केन्द्र के एक कांटे पर हर दिन कम से कम 300 कुंटल धान की खरीद इमानदारी से किसानों का नंबर व टोकन जारी करके की जानी है। इसके लिए किसान को नंबर लगाकर अपना धान धान क्रय केंद्र पर लाना होगा। उसकी तौल करानी होगी और इसके बाद उसे अंगूठा लगाना होगा ताकि धान की खरीद के बाद उसका भुगतान उसके खाते में हो सके।
ऐसा माना जाता है कि जिले के बड़े किसानों के साथ साथ कुछ ऐसे किसान धान जो क्रय केंद्र पर धान ले जाने और वहां की दौड़ भाग से बचने की कोशिश करते हैं, उन किसानों के साथ रेट की सेटिंग करके उनका धान दलाल किस्म के लोग सीधे राइस मिलर्स के साथ मिलकर राइस मिलों में गिरा देते हैं। इसके बाद केन्द्र प्रभारियों के कहने पर उनको गाड़ियों में लादकर क्रय केंद्रों पर ले जाते हैं वहां क्रय केंद्र प्रभारियों से सेटिंग करके केवल अंगूठे लगवाए जाते हैं। इससे गांव का आम और सीधा-साधा किसान प्रभावित होता है और उनको धान बेचने में अपने मुश्किल भी आती है, लेकिन दलाल और सेटिंग करने वाले लोग बड़े आसानी से धान बेच देते हैं। इन्हीं चक्कर में लक्ष्य पूरा जाता है और छोटा किसान परेशान रहता है।
जिलाधिकारी को इस बात से अवगत कराना है कि चंदौली जिले में हर साल इस तरह की शिकायतें मिलती हैं लेकिन इन पर शिकंजा कसना मुश्किल होता है, क्योंकि इन दलाल किस्म के लोगों को कई बड़े राजनेताओं का संरक्षण प्राप्त होता है और इसी के चलते हैं तो इसमें राइस मिलर्स पर कार्यवाही नहीं होती है और ना ही दलालों पर। इससे वह हर साल धान खरीद में वह अपना खेल करते हैं।
इस बारे में किसान नेता वीरेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार की मंशा इमानदारी से धान खरीद कराने की है। इसमें किसानों को सहयोग करना चाहिए और दलाल किस्म के लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्यवाही करवाने के लिए आगे आना चाहिए। अगर किसान खुद इसमें सहयोग नहीं करेगा तो दलालों का वर्चस्व बढ़ेगा। किसान नेता ने कहा कि जिलाधिकारी को इस खेल से वाकिफ होने की जरूरत है, ताकि वह इस पर नकेल कस सकें और क्रय केंद्रों पर ईमानदारी से धान खरीद को बढ़ावा मिल सके। तभी सरकार की मंशा सार्थक होगी।
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