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देख लीजिए साहब, धान के कटोरे में सूखे की आहट, यहां पर सूखने लगी है धान की नर्सरी

प्रकृति के प्रकोप व सिंचाई विभाग की उदासीनता से किसानों के चेहरे पर सूखे की आहट से चिंता देखने को मिल रही है। जहां प्रकृति का प्रकोप तीखी धूप एवं बारिश ना होने का दिख रहा है।
 

धान के कटोरे  के किसान परेशान

टेल तक नहीं जा रहा है सिंचाई का पानी

धान रोपने के लिए डाली गई नर्सरी सूखने की ओर
 

चंदौली जनपद को धान का कटोरा कहा जाता है लेकिन प्रकृति के प्रकोप व सिंचाई विभाग की उदासीनता से किसानों के चेहरे पर सूखे की आहट से चिंता देखने को मिल रही है। जहां प्रकृति का प्रकोप तीखी धूप एवं बारिश ना होने का दिख रहा है। वहीं नहरों में पानी नहीं आने से किसानों पर दोगुनी मुसीबत बढ़ने से धान की नर्सरी सूख रही है। 

आपको बता दें कि चंदौली जनपद को धान का कटोरा कहा जाता है, लेकिन चंदौली के सकलडीहा क्षेत्र में नहर में पानी नहीं आने और प्रकृति के भीषण गर्मी वाले प्रकोप के कारण धान रोपने के लिए डाली गई नर्सरी सूख रही है। इलाके के दरियापुर माइनर से दर्जनों गांव की सिंचाई  होती है। यहां की नहरों को तीन-तीन दिन के टर्न से चलाया जा रहा है। वहीं पानी आने के बाद ऊपर के ही लोग बेड़ा बांध कर पानी रोक ले रहे हैं, जिससे टेल तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। 


टेल तक पानी नहीं जाने के कारण ओडौली, पदुमनाथपुर, तेनुवट, चतुर्भुजपुर, बरठी आदि गांव के किसानों की नर्सरी सूखने के कगार पर पहुंच गई है। इससे किसान परेशान हैं और अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों की उदासीनता से नाराज दिख रहे हैं।

इस संबंध में अधिशासी अभियंता मूसाखांड़ मनोज सिंह ने बताया कि बारिश नहीं होने के कारण तीन तीन दिन के टर्न के हिसाब से नहरों को चलाया जा रहा है और नहरों पर कांबिंग किया जा रहा है ताकि कोई बीच में बंधी ना लगा सके। अगर बारिश नहीं हुयी तो आगे से एक-एक हफ्ता का टर्न बांधना होगा। मौसम की बेरुखी के कारण समस्याएं हो रही हैं। फिर भी हम लोग किसानों के यहां पानी पहुंचाने में लगे हुए हैं।

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