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अबकी बार खाद की किल्लत न होने का दावा, जानिए कितना है जिले का स्टॉक

सरकारी केंद्रों पर उर्वरक की उपलब्धता कम होने से किसानों को निजी क्षेत्रों के उर्वरक केंद्रों पर खाद लेने के लिए विवश होना पड़ सकता है। 

 
 

धान की रोपाई के बाद उर्वरक के लिए मारामारी

कृषि विभाग के अधिकारियों का दावा

नहीं होगी खाद की किल्लत
 

चंदौली जिले के किसान धान की खेती को लेकर किसान पूरी शिद्दत से जुट गए हैं। कहीं पर सिंचाई की समस्या को लेकर नर्सरी सूखने लगी है तो कहीं पर खाद की किल्लत की सूचना मिल रही है। जिले के किसान अधिकांश जगहों पर खेतों में धान की रोपाई का काम शुरू कर चुके हैं।  इसमें 15 जुलाई के बाद तेजी आने की संभावना जतायी जा रही है।

कहा जा रहा है कि धान की रोपाई के बाद जिले में उर्वरक को लेकर मारामारी शुरू हो जाएगी। इससे किसान अभी से ही उर्वरक के जुगाड़ में लग गए हैं। फिलहाल धान के कटोरे में सरकारी समितियों पर उर्वरक की उपलब्धता में यूरिया की कमी है। ऐसे में सरकारी केंद्रों पर उर्वरक की उपलब्धता कम होने से किसानों को निजी क्षेत्रों के उर्वरक केंद्रों पर खाद लेने के लिए विवश होना पड़ सकता है। 

Fertilizers Crisis


जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों का दावा है जनपद में 13,759 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 3786 मिट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है। वहीं निजी क्षेत्र के उर्वरक केंद्रों पर 46,180 एमटी के सापेक्ष 32,327 मिट्रिक टन उर्वरक मौजूद है। 

आपको बता दें कि जिले में कुल 83 सहकारी समितियां और छह से अधिक इफको सेवा केंद्र है, जहां पर सरकारी तरीके से उर्वरक की बिक्री की जाती है। सहकारी समितियों पर उर्वरक के उपलब्धता 8400 मिट्रिक टन यूरिया के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इसमें टोटल 820 मिट्रिक टन उपलब्धता बिक्री केंद्र और बफर स्टाक में है। इसमें 480 बिक्री केंद्रों पर और 340 बफर स्टाक है। डीएपी का 5069 मिट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित है। इसमें कुल उपलब्धता 1539 मिट्रिक टन है। वहीं बिक्री केंद्र पर 1400 और मिट्रक टन का बफर स्टाक है। एमओपी 16 मिट्रिक टन बिक्री केंद्र पर उपलब्ध है। लेकिन इसका लक्ष्य निर्धारित नहीं है। एनपीके की 290 मिट्रिक टन का लक्ष्य है। लेकिन 1275 मिट्रिक टन बिक्री केंद्र पर और 136 मिट्रिक टन का बफर स्टाक है। 

इसके अलावा निजी उर्वरक केंद्रों पर यूरिया 22,735 का लक्ष्य निर्धारित है। यहां कुल उपलब्ध 19,472 मिट्रिक टन है। इसमें18,631 बिक्री केंद्र पर और 841 बफर स्टाक है। डीएपी का 6144 मिट्रिक टन लक्ष्य निर्धारित है। लेकिन 3929 मिट्रिक टन बिक्री केंद्र पर उपलब्ध है। एमओपी 1354 मिट्रिक टन लक्ष्य निर्धारित है। लेकिन 190 मिट्रिक टन क्रय केंद्र पर उपलब्ध है। वहीं 20 टन स्टाक है। एनपीके 673 मिट्रिक टन का लक्ष्य है। किन्तु 710 मिट्रिक टन उर्वरक बिक्री केंद्र पर उपलब्ध है। वहीं 16 मिट्रिक टन का स्टाक है। वहीं एसएसपी 15,274 मिट्रिक टन का लक्ष्य है। लेकिन 6909 बिक्री केंद्र पर है और 3230 मिट्रिक टन स्टाक है।

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