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शहाबगंज विकासखंड में मनमाने तरीके से चलते हैं प्राथमिक विद्यालयों, क्लिक करके जानिए हाल

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की लापरवाही एक के बाद एक लगातार देखने को मिल रही है। प्राथमिक विद्यालय सरैया में सोमवार को सुबह 8:15 बजे तक विद्यालय के ताले नहीं खुले थे
 

विद्यालय में पहुंचे मात्र 4 बच्चे विद्यालय बंद रहने से इधर उधर टहल रहे थे

विद्यालय में 140 बच्चों की जगह मात्र 6 बच्चे मौजूद रहे

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड के प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की लापरवाही एक के बाद एक लगातार देखने को मिल रही है। प्राथमिक विद्यालय सरैया में सोमवार को सुबह 8:15 बजे तक विद्यालय के ताले नहीं खुले थे। जबकि विद्यालय में पहुंचे मात्र 4 बच्चे विद्यालय बंद रहने से इधर उधर टहल रहे थे। जबकि कम्पोजिट विद्यालय ढूंन्नु में शासन के निर्देश के बाद भी रसोईया चूल्हे पर मिड डे मील का भोजन पकाती मिली।

Government Primary Schools Shahabganj Block

  बताते चलें कि प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा का हाल जानने पत्रकारों की टीम जब सरैया गांव के प्राथमिक विद्यालय पहुंची तो सुबह 8:15 तक विद्यालय का चैनल पूरी तरह बंद रहा और उसमें ताला लटकता रहा। चैनल के बाहर एक शिक्षक संतोष कुमार गुप्ता मौके पर मिले, वही विद्यालय में मात्र 4 बच्चे पहुंचे थे जो चैनल बंद रहने से इधर-उधर टहलते रहे। 

कहने को तो इस विद्यालय में 145 बच्चों का नामांकन किया गया है। जबकि विद्यालय खुलने के 45 मिनट बाद मात्र 4 बच्चे ही स्कूल तक पहुंच पाए थे। विद्यालय में 45 मिनट देर से पहुंचे शिक्षक संतोष कुमार गुप्ता से कारण पूछने पर वह टालमटोल जवाब देते रहे। कहा कि चैनल का चाबी गायब होने के कारण विद्यालय नहीं खुल पाया है। जबकि विद्यालय में अन्य शिक्षकों तथा बच्चों के न पहुंचने पर वह बात करने से घबराते दिखे।

 वहीं कम्पोजिट विद्यालय ढून्नु में रसोईया मिड डे मील का भोजन चूल्हे पर पकाती दिखी। जबकि शासन का सख्त निर्देश है कि विद्यालयों में गैस सिलेंडर द्वारा गैस चूल्हे पर भोजन पकाया जाएगा। ऐसी स्थिति में शासन के निर्देशों का विद्यालयों में खुला उल्लंघन किया जा रहा है। इसके पूर्व भी प्राथमिक विद्यालय बरियारपुर में सुबह 8 बजे तक विद्यालय में सात की जगह मात्र एक शिक्षक पहुंचे थे वह भी विद्यालय खुलने के बाद कुर्सी पर सोते मिले हुए थे जबकि विद्यालय में 140 बच्चों की जगह मात्र 6 बच्चे मौजूद रहे। जिससे शहाबगंज विकासखंड के कुछ विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से फ्लॉप होती नजर आ रही है। ऐसे में नौनिहालों का भविष्य पूरी तरह से खतरे में दिखाई दे रहा है।

  इस संदर्भ में खंड शिक्षा अधिकारी अरविंद यादव से मोबाइल फोन द्वारा संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह सुबह से लेकर शाम तक फोन रिसीव नहीं किए। जबकि बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने कहा कि वह किसी कार्य बस हाईकोर्ट गए हुए हैं, वापस आने के बाद ही मामले की जांच पड़ताल करेंगे।

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