अब हाईकोर्ट में फंसी है जिलाधिकारी ईशा दुहन की गर्दन, उपजिलाधिकारी के साथ होना है पेश
सकलडीहा तहसील से जुड़े मामले में कल हाईकोर्ट में है पेशी
4 महीने से दबा रखी है कार्रवाई
सीधे तलब किए जाने पर शुरू हो गयी कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति
जानिए क्या है पूरा मामला.......
चंदौली जिले के आला अधिकारी हाईकोर्ट के आदेश और दिशानिर्देश को तब तक मानने को बाध्य नहीं होते हैं, जब सीधे डीएम व एसपी पर गाज गिरने की नौबत न आने लगे। ऐसा चंदौली जिले में अक्सर देखने को मिलता है। पिछले महीने कांशीराम आवास आवंटन घोटाले में एसपी की किरकिरी के बाद धड़ाधड़ गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हुआ तो अब मामला चंदौली की जिलाधिकारी व सकलडीहा के उपजिलाधिकारी के गले की फांस बना तो वह कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं।
देखा जाता है कि कुर्सी व वर्दी के रोब में रहने वाले अधिकारी अक्सर कोर्ट के पहले व दूसरे आदेश के मानने में आनाकानी करते हैं और इसीलिए हाईकोर्ट को उनको तलब करना पड़ता है। इसी तरह की नाफरमानी के चक्कर में एक बार फिर हाईकोर्ट में चंदौली जिले की जिलाधिकारी और सकलडीहा तहसील के उपजिलाधिकारी को सोमवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। दोनों अधिकारी सोमवार को हाईकोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखेंगे।
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी के द्वारा रिट नंबर 24212- 2022 में अब्दुल कादिर के द्वारा दाखिल की गई याचिका में 31 अगस्त 2022 को जारी किए गए आदेश के क्रम में चंदौली जनपद के जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी सकलडीहा के द्वारा दो पत्र जारी किए जाने के बावजूद भी इस मामले में काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया गया। इसीलिए इस मामले में हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी चंदौली ईशा दुहन और उपजिलाधिकारी सकलडीहा मनोज पाठक को तलब कर दिया है। इसके लिए 9 जनवरी को कोर्ट में पेश होने का फरमान सुनने बाद दोनों अधिकारियों के कान खड़े हो गए हैं। कोर्ट में पेश होकर अपना पक्ष रखने के पहले कार्रवाई करने की खानापूर्ति भी शुरू हो गयी है।
आपको बता दें कि सकलडीहा तहसील क्षेत्र के बलुआ थाना के रहने वाले नौदर गांव के अब्दुल कादिर ने उप जिलाधिकारी सकलडीहा के यहां प्रार्थना पत्र देकर अपने गांव में चलने वाली आटा चक्की व स्पेलर से होने वाले नुकसान की शिकायत 4 सितंबर 2020 को की थी। इस पर उपजिलाधिकारी ने बलुआ थाने से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें शिकायतकर्ता की शिकायत सही पाई गई और उसी शिकायत पर 9 सितंबर 2020 को उपजिलाधिकारी सकलडीहा ने इस आटा चक्की व स्पेलर मिल सहित कारखाने को वहां से हटाने का निर्देश दिया गया था। लेकिन इस मामले में आगे कोई कार्यवाही नहीं की गई। बल्कि एक-दूसरे उप जिलाधिकारी द्वारा इस आदेश को निरस्त कर दिया गया। इसके बाद अब्दुल कादिर ने कार्यालयों का चक्कर काटने से आजिज आकर हाईकोर्ट में अपनी अपील दायर की, जिसमें कोर्ट के द्वारा दो बार जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी के यहां नोटिस भेजकर जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया, लेकिन इन दोनों अधिकारियों ने फाइल को दबाए रखा है।
अब जब हाईकोर्ट ने सीधे दोनों अधिकारियों को व्यक्तिगत रुप से तलब किया है, तो पूरे प्रशासन में खलबली मची हुई है। वहीं इस बात की भी सूचना मिली है कि उप जिलाधिकारी सकलडीहा ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले तीन मातहतों के खिलाफ नोटिस भी जारी कर दी है, ताकि हाईकोर्ट में दिखाने के लिए ही सही कार्यवाही के नाम पर कुछ खानापूर्ति की जा सके।
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