जानिए नौगढ़ में 5 हजार शिशुओं का क्यों टूटा सुरक्षा चक्र, एक साल से बंद है टीकाकरण
नवजात शिशुओं के लिए जीवन रक्षक टीके
बीसीजी.... तपेदिक या टीबी
पेंटा... काली खांसी, टिटनेस, डिप्थीरिया
चिकन पॉक्स... चिकन पॉक्स
इन्फ्लूएंजा ..सर्दी, खांसी, जुकाम
एमएमआर... खसरा, गलसुआ और रूबैला
नियमोकोकल..... निमोनिया
पोलियो ...... अपंगता से बचाव
हिमोफिलस बी...... हेपेटाइटिस
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर में भाग दौड़ करने वाले स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। बच्चों के टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नारा दिया था 'एक भी बच्चा छूटा... सुरक्षा चक्र टूटा! विकास खंड नौगढ़ के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से 5 हजार बच्चों का सुरक्षा चक्र टूट गया है।
आपको बता दें कि नौगढ़ इलाके में परसिया सेंटर से जुड़े सोनवार, तिवारीपुर, जनकपुर, परसिया, नर्वदापुर गांव में एक साल से टीकाकरण बंद है। टीका लगाने वाली एनम शीला परनौल का कहीं अन्यत्र स्थानांतरण के बात से टीकाकरण बंद है लेकिन, उनके स्थान पर किसी की तैनाती नहीं की गई। बता दें कि एक सत्र में 20 से 25 नवजात शिशुओं को टीके लगाए जाते हैं 12 से 14 महीने के 5 हजार शिशुओं का सुरक्षा चक्र टूट गया है। इन्हें टीबी, डायरिया, टिटनेस, खसरा, रूबेला, रोटा वायरस जैसी बीमारियों से बचाव के लिए क्रमिक रूप से लगने वाले टीके नहीं लगे हैं।
जिलाधिकारी संजीव कुमार सिंह ने तत्काल छूटे हुए बच्चों का टीकाकरण शुरू कराने के निर्देश सीएमओ को दिए हैं। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अवधेश पटेल की मानें तो टीकाकरण शिविर के लिए आशा कार्यकत्रियों को नवजात बच्चों की माताओं को पूर्व सूचित करना पड़ता है! परंतु एक साल से आशा बहुएं कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए घर- घर सर्वेक्षण, संदिग्धों की निगरानी, दवाई वितरण एवं लक्षण वाले मरीजों की सूचियां बनाने में उलझी हुई हैं। उन्हें बच्चों के टीकाकरण के लिए क्षेत्र में भ्रमण का समय ही नहीं मिला।
इसलिए जरूरी हैं टीके
नवजात बच्चों में टीकाकरण से प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। गंभीर बीमारियों से सुरक्षा मिलती है। यह संक्रमण के खतरे को काफी हद तक कम कर देते हैं। 12 से 24 महीने तक बच्चों को दो महीने, चार महीने, नौ महीने और 12 व 24 महीने के अंतराल पर वैक्सीन लगाई जाती है।
बोले चंदौली जिले के जिलाधिकारी
इस मामले में जिलाधिकारी संजीव सिंह का कहना है कि यह मामला संज्ञान में है। एनम की स्थाई नियुक्ति करके जल्द टीकाकरण शुरू कराने के निर्देश दिए गए हैं। सभी बच्चों, गर्भवती माताओं का टीकाकरण कराना सरकार की प्राथमिकता का काम है। जल्द ही इस मामले में कार्रवाई भी होगी।
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