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हादसे को दावत दे रहा है राजकीय हाईस्कूल खखड़ा, देख लीजिए डीएम साहिबा

प्रधानाचार्य कक्ष की दीवार के साथ ही छत फटकर चप्पल छोड़ रहा है जो कभी भी कार्यालय में बैठे शिक्षकों के ऊपर गिर सकता है। जिससे बच्चों तथा शिक्षकों की जिंदगी खतरे में है।
 



जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण करते हैं बच्चे

महिला शिक्षिकाओं को भी है जान का खतरा

कहां है कायाकल्प परियोजना

चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत राजकीय हाईस्कूल खखड़ा का जर्जर भवन हादसे का दावत दे रहा है। यहां कार्यालय से लेकर कुल सात कक्ष का निर्माण किया गया है, मगर सभी कक्षाओं की स्थिति बेहद जर्जर है। दीवारों में गहरी दरारें बन गई हैं जो किसी भी क्षण धराशाई हो सकता है। प्रधानाचार्य कक्ष की दीवार के साथ ही छत फटकर चप्पल छोड़ रहा है जो कभी भी कार्यालय में बैठे शिक्षकों के ऊपर गिर सकता है। जिससे बच्चों तथा शिक्षकों की जिंदगी खतरे में है।

Khakhada School Building

  बताते चलें कि शहाबगंज विकासखंड के आखिरी छोर पर तथा बिहार प्रांत के बॉर्डर पर स्थित इस विद्यालय का निर्माण वर्ष 2015 में हुआ। निर्माण के वक्त ही जगह-जगह दीवारें फटनें तथा फर्श धसनें लगे थे जिसके बाद कार्यभार ग्रहण करने गई एकमात्र महिला शिक्षिका मनीषा ने चार्ज लेने से इंकार कर दिया। जिस पर कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग में विद्यालय भवन का मरम्मत कराकर वर्ष 2016 में उन्हें हैंडोवर किया। मगर उसके बाद भी बारिश के मौसम में पुनः विद्यालय की स्थिति जस की तस हो गई।

Khakhada School Building

जिसके लिए प्रधानाचार्य मनीषा ने वर्ष 2017 से 2019 तक लगातार कई बार जिला विद्यालय निरीक्षक तथा जिलाधिकारी को पत्र देकर स्थिति से अवगत कराते हुए विद्यालय के जीर्णोद्धार का मांग किया था। लेकिन आज तक इस गंभीर समस्या की तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। समय बीतने के साथ ही इस वक्त स्थिति यह हो गई है कि प्रधानाचार्य कक्ष से लेकर शिक्षण कार्य करने वाले सभी कक्ष की दीवारों में बड़े-बड़े दरारें पड़ गई हैं। फर्श भी जगह-जगह फट गए हैं जो किसी भी क्षण जमींदोज हो सकता है।

Khakhada School Building

वहीं विद्यालय की बाउंड्री के बीच काफी गहराई है। बारिश के मौसम में भारी जलभराव होने से कैंपस तालाब की तरह दिखने लगता है। इस दौरान शिक्षण कार्य करने वाले बच्चे कभी भी गिरकर हादसे का शिकार हो सकते हैं। विद्यालय की इतनी खराब स्थिति होने के बाद भी विभागीय अधिकारी उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं।

Khakhada School Building 

  विद्यालय में चलाई जाने वाली कक्षा 9 और 10 में 51 बच्चे शिक्षण कार्य करते हैं ऐसी स्थिति में बच्चों को जर्जर हो चुके भवन की कमरे में बैठाकर शिक्षा देना खतरे से खाली नहीं है। जिससे अभिभावकों में भी रोष गहराता जा रहा है।

इस संबंध में प्रभारी जिला विद्यालय निरीक्षक सत्येंद्र सिंह ने कहा कि विद्यालय में जर्जर भवन की स्थिति के बारे में जानकारी नहीं है, जांच कराकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Khakhada School Building

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