कागजी प्राथमिकता में हैं चंदौली के किसान, किसान दिवस पर खूब मचा हंगामा
प्रमुख सचिव समाज कल्याण के दौरे में अफसर व्यस्त
किसान दिवस पर ध्यान देना भूले
केवल बैठकों में संवेदनशीलता दिखाती हैं डीएम साहिबा
चंदौली जिला मुख्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में हर माह के तीसरे बुधवार को किसान दिवस का आयोजन किया गया था। लेकिन बैठक में विभागीय अधिकारियों के नहीं पहुंचने के चलते किसान नाराज हो गए। ऐसे में किसान मीटिंग हॉल से बाहर निकलकर अफसरों के कार्यशैली के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
आरोप लगाया कि अफसर शासन की योजनाओं को लेकर गंभीर नहीं है। कृषि प्रधान जिले में किसानों का दर्द सुनने को अफसर तैयार नहीं है। किसान विकास कुमार पांडेय ने आरोप लगाया कि किसान दिवस का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित होता है, लेकिन पिछली दो बार से लगातार किसान दिवस को स्थगित किया जाता रहा है।
अधिकारियों ने बुधवार को प्रमुख सचिव समाज कल्याण के दौरे के चलते अफसरों ने किसान दिवस में आना उचित नहीं समझा। इसके चलते किसान अफसरों की कार्यशैली को लेकर नाराजगी है। कहा कि प्रमुख सचिव के आगमन के मद्देनजर बैठक को एक दिन आगे बढ़ाया जा सकता था, परन्तु मौके पर केवल कृषि उप निदेशक आए और किसानों से लिखित रूप से समस्याएं देने को कहा। इसी बात को लेकर किसानों में ज्यादा नाराजगी है। क्योकि अब जिले के आला अफसरों के पास किसानों समस्याएं सुनने का समय नहीं है।
इस मौके पर किसान रविंद्रनाथ सिंह मुन्ना ने किसानों के दर्द को शायरी के रूप में प्रस्तुत करते हुए अफसरों तंज कसा। कहा कि हाय रे किसान तेरी तकदीर, सबको खिलाकर रोटी खुद बना फकीर। कहा कि प्रमुख सचिव अफसरों के साथ बैठक करके विकास की प्रगति चेक कर रहे है। अगर प्रमुख सचिव को असल में हकीकत को परखना है तो किसानों से बात करें। सच्चाई खुद सामने आ जाएगी। क्योंकि चार पहिया से चलने वाले अफसर अपनी नौकरी बचाने के लिए कागजी घोड़ा दौड़ाते है। चेताया कि अगर अफसर किसानों की समस्याओं के प्रति गंभीर नहीं हुए तो भविष्य में किसान बड़े आंदोलन की रूप रेखा तैयार करेंगे।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*