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समय मिले तो जिले की इन समस्याओं पर ध्यान दे दीजिए सांसद व विधायक जी, आकांक्षात्मक जिला भी है

जिले की इन 15 समस्याओं का हल होने से बदलेगी तस्वीर, हर किसी का होगा भला, चंदौली में दिखना शुरू होगा विकास

 

चंदौली की जनता अपने माननीय सांसद व विधायकों के साथ साथ जिले के विकास पुरुषों से इन बातों पर ध्यान देने का आग्रह कर रही है, ताकि जिले के लोगों को बेहतर सुविधा मिल सके। इन कामों को करवा देंने के बाद सांसद व विधायक जी को विकास पुरुष कहलवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी..सुविधाओं को पाने वाले अपने आप कहने लगेंगे.... 

1. पंडित कमलापति डिग्री में बीएससी, बीकॉम, के साथ-साथ कई विषयों में एमए की कक्षाएं शुरू करवा दीजिए। यह वायदा कहीं 2024 के लिए तो नहीं बचा कर रखें हैं।


2. बिना रोडवेज बस डिपो व सही बस स्टैंड की परंपरा जिले में आज भी कायम है। इसके लिए कई बार वायदा और आश्वासन मिला है। कब तक कोई खुशखबरी मिलेगी। यह भी बता देंगे तो जनता के लिए राहत वाली बात होगी।


3. चंदासी की काली धूल आपको और सत्तापक्ष के विधायकों तो आज तक नहीं छू सकी है, लेकिन यह आज भी मुगलसराय व चंदौलीवासियों को प्रकृति के पास ले जाकर धूलधूसरित कर जाती है।


4. चंदौली जिले के मुख्यालय पर रहने वाले लोग अपना गाँव-घर छोड़कर कहीं और न चले जाय..शायद यही सोचकर तो जिला मुख्यालय पर रुकने वाली सारी ट्रेनों को बंद तो नहीं करा दिया गया है। इसे फिर से रुकवाने की मंशा है या नहीं। इसे लोगों को बता देंगे तो अच्छा रहेगा। 


5. चंदौली के पॉलीटेक्निक की बिल्डिंग और संसाधन का उपयोग कई सालों से जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी कर रहे हैं..पर उसके बाद भी वह जर्जर होती जा रही है। वहां पर पढ़ाई के लिए स्टाफ व भवनों की व्यवस्था कब तक सुधरेगी। 


6. कैली रोड, सकलडीहा-चहनिया रोड, जमानिया रोड के साथ साथ कई और सड़कें खस्ताहाल हैं। इनको गड्ढ़ामुक्त होने या बनने में कहां फाइल अटकी है। अब तो तीन इंजन से भी अधिक की सरकार है।


 7. चंदौलीवासियों के बच्चे डिजिटल इंडिया को मानते हुए मोबाइल और टीवी पर चिपके रहे। सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट, इंजीनियर, डॉक्टर इत्यादि बनने की पहल न करें..इसीलिए चंदौली में लाइब्रेरी का पैसा आकर भी लटका हुआ है।


8. चंदौली जिला मुख्यालय व सैयदराजा, सकलडीहा, धानापुर जैसी जगहों पर एक भी पार्क नहीं है। शायद बच्चों के खेलने के लिए या बुजुर्गों को शाम सुबह टहलने के लिए ऐसे किसी प्रयास की जरूरत है कि नहीं।


9. 100 एमबीपीएस का पैसा लेकर दूरसंचार विभाग आपको 20 एमबीपीएस की स्पीड इसलिए देता है, क्योंकि कहीं आप ज़्यादा स्पीड से ऑनलाइन न रहें। सरकार को पैसे देते रहें पर सुविधा की गारंटी न लें।


10. देश के शिक्षामंत्री होते हुए भी चंदौली जिला मुख्यालय में विज्ञान विषय की स्नातक व परास्नातक स्तर पर पढ़ाई शायद इसलिए शुरू नहीं करा पाए कि यहां के बच्चे काबिल ही नहीं हैं। जो हैं भी वैज्ञानिक बनकर उनको देश की सेवा करने की जरूरत नहीं है। नारे लगाने के लिए बेकार लोगों की भी तो जरूरत होती है..अगर सब पढ़ लिख लेंगे तो पीछे कौन घूमेगा।


11. काशी व वाराणसी कैंट स्टेशन या बीएचयू तक जाने के लिए चंदौली जिले से कोई सीधी वाहन सुविधा नहीं है। लोग डग्गामार व निजी वाहनों व ऑटो पर धक्का खाने को मजबूर रहें। इसीलिए इस पर जन प्रतिनिधियों का ध्यान नहीं जाता है।


12. खाद की रैक उतरने का ढिंढोरा भी खूब पीटा गया था, क्या हुआ चंदौली के लोगों का पेट भर गया या फिर जिले में रैक लगने की जगह ही खत्म हो गयी है। 


13. जिला मुख्यालय का कूड़ा आज भी जिला अस्पताल के ठीक सामने गिराया जाता है। पूरे नगर का कूड़ा जीटीरोज पर गिराकर मोदी जी स्वच्छ भारत सुंदर भारत की परिकल्पना को साकार करने वाला और नगर की सुंदरता बढ़ाने वाला है। इसीलिए डीएम-सीडीओ या नगर पंचायत इस पर कभी ध्यान नहीं देती है। 


14. चंदौली जिला अस्पताल से लेकर विकास भवन तक जिला मुख्यालय को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। क्या यहां हाइवे पिलर पर नहीं बन सकता है। क्या यहां के सांसद विधायक इसके बारे में नहीं सोचते हैं कि अगर यह हाइवे पिलर पर होता तो रोजी-रोजगार को बढ़ाने के साथ साथ अपराध घटाने में सहायक होता। सड़क हादसे भी कम होते।

  
15. जिले के कई कार्यालय, न्यायालय, अफसरों के आवास जैसी मूलभूल जरूरतों में जिला काफी पीछे है..इस पर आप लोग कब ध्यान देंगे।

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