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ओडिशा के आदिवासी इलाके से गरीब बच्चे लाकर कराया जाता था काम, छापेमारी में खुलासा

आगे पूछने पर उन सभी बच्चों ने बताया कि और भी बच्चे उनके चंगुल में फंसे हैं, जिन्हें जबरदस्ती रखा गया है।
 

 नाबालिग और बालिग बच्चों को बनारस की फैक्ट्री से किया बरामद

स्लीपर फैक्ट्री में लाकर कराई जा रही थी मजदूरी

वाराणसी प्रशासन के संज्ञान में लायी गयी जानकारी
 


चंदौली जिले के पंडित दीन दयाल उपाध्याय रेलवे जंक्शन पर ऑपरेशन आहट अभियान के दौरान 23 जनवरी को  करीब 10.00 बजे  21 नाबालिग एवं बालिग बच्चों को बरामद किया गया। डीडीयू जंक्शन के FOB पर एक साथ डरे सहमे घूमते हुए संदिग्ध अवस्था में दिख रहे इन बच्चों को पुलिस ने लेकर पूछताछ की तो बड़े मामले का खुलासा हुआ। 

आरपीएफ पोस्ट डीडीयू के निरीक्षक संजीव कुमार साथ अधिकारीगण व जवानों द्वारा गश्त के दौरान डरे सहमे बच्चों से पूछने पर उनके द्वारा बताया गया कि सारे बच्चे रायगढ़ ओडिशा के रहने वाले हैं और विगत 1 साल से वाराणसी के लोहता स्थित खेमचंद्र कंक्रीट स्लीपर बनाने की एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे हैं। उनका सुपरवाइजर द्वारा कई महीनों से पैसा नहीं दे रहा है। घर जाने की बात कहने पर धमकाता रहता है। इसीलिए बच्चे फैक्ट्री से भाग कर मुगलसराय आ गए हैं और अपने घर ओड़िसा रायगढ़ जाना चाहते हैं।

आगे पूछने पर उन सभी बच्चों ने बताया कि और भी बच्चे उनके चंगुल में फंसे हैं, जिन्हें जबरदस्ती रखा गया है। इस संबंध में वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त डीडीयू जेथिन बी राज में संज्ञान लेते हेतु सत्यापन करवाने का आदेश दिया, जिसके उक्त का सत्यापन करने हेतु रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट डीडीयू के निरीक्षक संजीव कुमार व अवर निरीक्षक मुकेश कुमार, सहायक उप निरीक्षक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, आरक्षी अरुण कुमार सिंह, आरक्षी अमित जैसवाल व आरक्षी सदानंद यादव ने बचपन बचाओ आंदोलन के को-ऑर्डिनेटर देशराज सिंह एवम कृष्ण शर्मा द्वारा संबधित स्थानीय AHTU व बनारस तथा श्रम विभाग ,वाराणसी के साथ नाबालिग बच्चों के द्वारा बताए गए स्थान पर छापेमारी करके लोहता इलाके में स्थित स्लीपर कंक्रीट फैक्ट्री पर बालश्रम की कार्रवाई का खुलासा किया।

 छापेमारी में ज्ञात हुआ कि इसमें सीमेंट कंक्रीट का रेलवे का स्लीपर बनाया जाता है। इसे एक प्राईवेट एजेंसी द्वारा बनाया जाता है, जिसमें ओडिशा से बालिग और नाबालिक बच्चों को लाकर काम करवाया जाता है। 
नाम, पता और उम्र का सत्यापन करने के उपरांत पाया कि उसमें से कुल 11 बच्चे नाबालिग तथा 10 बालिग बच्चे पाए गए हैं। उक्त सभी को अग्रिम कार्यवाही हेतु  BBA संस्था को सुपुर्द किया गया है। जिनके द्वारा वाराणसी जिला प्रसाशन से समन्वय स्थापित किया गया है तथा मामले का संज्ञान वाराणसी पुलिस द्वारा लिया जा रहा है।

 

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