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कई रूटों पर रोडवेज बसों को चलाने के लिए टेंडर, आप भी लगवा सकते हैं अपनी पुरानी बस

परिवहन विभाग ने विभिन्न मार्गों पर पहले से दौड़ रहीं निजी बसों से अनुबंध करने की नियमावली तैयार की है। इसमें निजी बस मालिकों को सहूलियत मिल सकती है।
 

परिवहन विभाग की ई-टेंडर प्रक्रिया चालू

निजी बसों से अनुबंध कराने की तैयारी

ये हैं नियम व शर्तें

चंदौली जिले में जिन मार्गों पर रोडवेज बसों के अभाव में बसें नहीं चल पा रही हैं, वहां के लिए परिवहन विभाग ने नई व्यवस्था बनाई है। अब निजी बसों से अनुबंध होगा। परिवहन विभाग ने विभिन्न मार्गों पर पहले से दौड़ रहीं निजी बसों से अनुबंध करने की नियमावली तैयार की है। इसमें निजी बस मालिकों को सहूलियत मिल सकती है।

कहा जा रहा है कि अपनी आधी उम्र पूरी कर चुकीं निजी बसों से अनुबंध कराने के लिए संचालक को ई-टेंडर प्रक्रिया अपनानी होगी। इस व्यवस्था से जनपदवासियों का सफर आसान होगा। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की रोडवेज बसों को दस से 12 वर्ष तक संचालित किया जाता है। नई अनुबंध नीति में उन डीजल बसों को संचालित करने की अनुमति दी जा रही है, जो पंजीयन तारीख से पांच वर्ष की आयु पूरी कर चुकी हों। वहीं, सीएनजी बस पंजीयन तारीख से आठ वर्ष की आयु पूरी होने तक अनुबंधित की जा सकेंगी। माडल व पंजीयन तारीख में एक वर्ष का अंतर भी मान्य होगा।


इससे अब साफ है कि परिवहन विभाग अब उन बसों को संचालित करने जा रहा है, जो अपनी आधी उम्र पूरी कर चुकी हैं। वहीं एक माह तक बस गायब होने पर अनुबंध खत्म भी हो सकता है। विभाग ने अपनी वेबसाइट पर अनुबंध की नई नीति अपलोड की है। इसमें रिक्त मार्ग का निर्धारण, योजना की सामान्य शर्तें टेंडर प्रक्रिया, आय की गणना व भुगतान, बस सरेंडर, चालक की व्यवस्था, अनुबंध अवधि में हड़ताल व अनुबंध समाप्ति के क्या आधार होंगे और विवाद का समाधान भी स्पष्ट किया गया है।

मामले में सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि विभाग के निर्देश पर जिले के विभिन्न मार्गों पर निजी बसों को अनुबंधित कर चलाने की योजना है। अभी निजी बस के संचालक आगे नहीं आ रहे हैं। अनुबंध के लिए ई-टेंडर प्रक्रिया भी विभाग ने चालू कर दी है।

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