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किसान ने मांगी इच्छा मृत्यु, नीलाम करवाने में तेज और कब्जा दिलवाने में फिसड्डी है तहसील प्रशासन

जिले के सदर विकास खंड के बबुरी निवासी एक किसान ने निलामी की खरीदी गयी जमीन पर अपना कब्जा न मिलने से शुक्रवार को मुख्यमंत्री पोर्टल पर चकिया तहसील प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है।
 

चकिया तहसीलदार व एसडीएम पर सवाल

लल्लन उपाध्याय से जमीन खाली कराना चुनौती

अब जानबूझकर मामले को लटका रहा है प्रशासन

चंदौली जिले के सदर विकास खंड के बबुरी निवासी एक किसान ने निलामी की खरीदी गयी जमीन पर अपना कब्जा न मिलने से शुक्रवार को मुख्यमंत्री पोर्टल पर चकिया तहसील प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की है। इस मामले की जानकारी होते ही तहसील प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।

 बताया जा रहा है कि चकिया तहसील प्रशासन की ओर से कराई गई नीलामी की जमीन को संजय सिंह ने बोली लगाकर खरीदी थी और खतौनी में अमल दरामद कराने के बाद भी उन्हें अब कब्जा नहीं दिलवाया जा रहा है। 

जानकारी के अनुसार चकिया विकासखंड के मुड़हुआ उत्तरी गांव में रहने वाले लल्लन उपाध्याय द्वारा सार्वजनिक तालाब पर अवैध तरीके से 25 सालों तक कब्जा करके उसका उपयोग किया जा रहा था। इस मामले में कार्यवाही करते हुए तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा ने अतिक्रमणकारी लल्लन उपाध्याय पर एक करोड़ 9 लाख का जुर्माना लगाया था। अतिक्रमणकारी जब जुर्माने की धनराज जमा नहीं कर सका तो ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने लल्लन उपाध्याय की जमीन को कुर्क करने के साथ-साथ उसकी नीलामी करने का भी आदेश जारी किया।  4 जून 2022 को लल्लन उपाध्याय की जमीन की नीलामी की गई. जिसमें बबुरी निवासी संजय सिंह ने 35 लाख 36 हजार जमा करके उस जमीन को लिया। इस जमीन की  रजिस्ट्री के लिए लगभग दो लाख का स्टैंप भी खरीद लिया। 20 जून को संजय सिंह को नीलामी में जमीन की अमल दरामद भी करवा ली, लेकिन अब तक उन्हें कब्जा दिलाने में तहसील प्रशासन आनाकानी कर रहा है।

 इसीलिए लगभग 40 लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी जमीन नहीं मिलने से किसान परेशान हैं और उसने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते हुए इच्छामृत्यु की मांग की है। साथ ही तहसील प्रशासन पर आरोप लगाया जा रहा है कि इतने दिन बीत जाने के बाद भी तहसील प्रशासन अतिक्रमण कारी के दबाव में है और वह जमीन से कब्जा नहीं दिलवा पा रहा है।

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