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हाईकोर्ट से खारिज हो गयी शिवेश चंद्र लाल की अग्रिम जमानत याचिका, देखिए अब क्या करती है पुलिस

चंदौली जिले के चर्चित कांशी राम आवास योजना के आवंटन घोटाले के एक और आरोपी की हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
 

कांशीराम आवास योजना में आवास आवंटन घोटाला

 आरोपी शिवेश चंद्र लाल की हाईकोर्ट में याचिका खारिज

31 जनवरी के पहले या तो कुर्की होगी या गिरफ्तारी

देखते रहिए पुलिस का एक्शन


चंदौली जिले में कांशीराम आवास योजना में आवास आवंटन घोटाले के मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख भले ही 31 जनवरी 2023 को रखते हुए पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल को एक महीने से भी अधिक का समय दिया है, लेकिन अब एसपी चंदौली मामले के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई में किसी नेता-विधायक व अधिकारी की पैरवी को न मानते हुए कोर्ट के आदेश पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे हैं। कई लोगों के खिलाफ 82 सीआरपीसी की कार्रवाई के लिए नोटिस भी चस्पा कर दी गयी है। तो वहीं कुछ लोगों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, लेकिन हर किसी को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलती दिख रही है। 

चंदौली जिले के चर्चित कांशी राम आवास योजना के आवंटन घोटाले के एक और आरोपी की हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति डॉ ज्योत्सना शर्मा की सिंगल बेंच ने दाखिल की गई याचिका को सुनवाई के बाद आज इसे खारिज कर दिया। अब आरोपी शिवेश चंद्र लाल को कोर्ट में या तो हाजिर होना होगा या पुलिस गिरफ्तार करके जेल भेज देगी। 

आपको बता दें कि कांशी राम आवास योजना में तत्कालीन लेखपाल शिवेश चंद्र लाल द्वारा आरोपी बनाए जाने के बाद पुलिस की कार्यवाही से बचने के लिए हाईकोर्ट में 23 सितंबर 2022 याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें सुनवाई की कई तारीखें लगीं, लेकिन उनको कोई राहत नहीं मिली। आज सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है। 


इस मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए चंदौली के पुलिस अधीक्षक को तलब कर पुलिस अधीक्षक को जमकर फटकार लगायी तो उस फटकार का असर तत्काल दिखा और पुलिस ने दो प्रमुख आरोपियों के रूप में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद और अंबेडकर नगर जिले में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात वालों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद कई लोगों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां हुयीं तो कई लोगों ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया। लेकिन कुछ लोग अभी भी बचने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं, लेकिन कोर्ट से कोई राहत नहीं मिल रही है।
 

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