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आज फिर इंडियन बैंक लॉकर लूटकांड के दो आरोपियों की जमानत खारिज, जानिए क्या दी गयी थी दलील

 

सोनू खान और पवन शाहा की जमानत खारिज

 इंडियन बैंक लूट कांड के आरोपी

 दोनों ने दी है ऐसी दलील

चंदौली जिले के इंडियन बैंक में 40 बैंक लॉकरों को गैस कटर से काटकर करोड़ों रुपए के गहने और कीमती जेवरात लूट के मामले में चंदौली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए दो अपराधियों की जमानत आज जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा खारिज कर दी गई।  गिरफ्तार किए गए अपराधियों में सोनू खान उर्फ अशफाक खान और पवन शाहा पुत्र शंभू शाहा के द्वारा अपनी जमानत याचिका दाखिल की गई थी और अपने आपको निर्दोष बताते हुए जमानत की याचिका दायर की गयी थी।

 आपको बता दें कि चंदौली जिले के इंडियन बैंक में 30-31 जनवरी की रात में बैंक के 40 लॉकर को गैस कटर से काटकर करोड़ों रुपए के गहने और कीमती जेवरातों की डकैती की गई थी। इस मामले में चंदौली कोतवाली पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद कई लुटेरों के लूट के माल व गहनों के साथ गिरफ्तार किया था।

 इस मामले में चंदौली पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर पवन शाहा और उनके साथ अभियुक्त के रूप में सोनू खान उर्फ अशफाक खान को लूट के गहने और कीमती सामानों के साथ साथ नगदी के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में दाखिल की गई जमानत याचिका पर आज सुनवाई हुई तो इस मामले में जनपद एवं सत्र न्यायाधीश पीड़ित पक्ष और सरकारी वकीलों की दलील सुनने के बाद मामले की गंभीरता, साक्ष्यों, परिस्थितियों तथा अपराध की प्रकृति की गंभीरता को देखते हुए इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।

बिहार के मोहनिया की बड़ी बाजार के रहने वाले सोनू खान उर्फ अशफाक खान की ओर से दाखिल जमानत याचिका में कहा गया था कि पुलिस ने जो भी कैश व गहने उसके यहां से बरामद किए गए हैं। वह सब उनके घर परिवार के हैं। वह रियाद में काम करता है और वहीं से 6 जनवरी को लौटा है। उसके पिता राज्य सुन्नी वफ्फ बोर्ड के सचिव हैं और सारे पैसे उनको मिले दान और चंदा के रूप में घर में रखे गए थे। पुलिस ने उसे घर से उठाकर फर्जी तरीके से गिरफ्तारी दिखायी है। 

वहीं झारखंड के बेगमगंज इलाके के रहने वाले पवन शाहा ने खुद को ड्राइवर बताते हुए अपनी जमानत याचिका दाखिल की है और कहा है कि वह एक दुकान पर चाय नाश्ते के लिए गए था तभी पुलिस ने गिरफ्तार करके फर्जी तरीके से लूट के मामले में फंसा दिया है। 


 इस मामले में जानकारी देते हुए शासकीय अधिवक्ता दांडिक शशि शंकर सिंह ने बताया है कि इस मामले में सुनवाई हुई थी और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने इनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।

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