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बलुआ इलाके में पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर बढ़ता जा रहा है जल स्तर, मन्दिर और घाट की सीढियां लगी हैं डूबने

पश्चिमवाहिनी बलुआ गंगा घाट की सीढ़ियां डूबने के बाद तेजी से जलस्तर में बढोत्तरी से गंगा के तटवर्ती इलाके में जलस्तर बढ़ने लगा है, जिससे गांवों में दहशत का माहौल है।
 

बाढ़ का दिखने लगा असर

गंगा किनारे बना श्मशान भी डूबा

तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों में दहशत

लगातार बरसात से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। चंदौली जिले के बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनी गंगा तट पर मन्दिर और घाट की सीढियां डूबने के बाद शनिवार को श्मशान घाट भी डूब गया। वहीं महिला चेंजिंग रूम तक पानी घुस गया है। तेजी से गंगा में हो बढ़ाव को लेकर तटवर्ती गांवों के ग्रामीणों में दहशत बढ़ गयी है।

बलुआ स्थित पश्चिम वाहिनीं गंगा तट पर बना मन्दिर तीन दिन पहले ही डूब गया था। अब पानी सीढियों को लांघते हुए महिला चेंजिंग रूम की तरफ बढ़ गया रहा है। बलुआ घाट पर श्मशान घाट भी डूब गया है। गंगा तट के किनारे बसे गांव कांवर, महुअरिया, बिसुपुर, महुआरी खास, सराय, बलुआ, डेरवा, महुअर कला, हरधन जुड़ा, बिजयी के पूरा, गणेश पूरा, टाण्डाकला, बड़गांवा, तीरगांवा, हसनपुर, नादी निधौरा आदि गांवों के किसानों व ग्रामीणों को गंगा कटान की चिन्ता सताने लगी है।

पश्चिमवाहिनी बलुआ गंगा घाट की सीढ़ियां डूबने के बाद तेजी से जलस्तर में बढोत्तरी से गंगा के तटवर्ती इलाके में जलस्तर बढ़ने लगा है, जिससे गांवों में दहशत का माहौल है। तटवर्ती इलाके के लोगों की माने तो यदि पानी बढ़ने की यही रफ्तार रही तो इलाके के लोगों को बाढ़ की समस्या झेलनी होगी।

पिछले दो दिन में प्रतिदिन दो से तीन मीटर तक जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है। स्थिति यह है कि दस दिन में गंगा का जल स्तर पांच से सात मीटर तक बढ़ गया है। बृहस्पतिवार की रात भी लगभग 12 फीट तक गंगा का जल स्तर बढ़ा था। जिले में गंगा में खतरे का निशान 71.262 मीटर पर है। वर्तमान में जल स्तर खतरे के निशान से बहुत नीचे हैं, लेकिन जिस हिसाब से जल स्तर में बढोत्तरी हो रही है। उससे दो चार दिनों में गंगा खतरे के निशान तक पहुंच जाएगी। 

इसी आशंका में क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि गंगा कटान की भी व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में बाढ़ आने पर प्रति वर्ष उपजाऊ भूमि गंगा में समा जाती है।

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