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पहली कार्यशाला में अफसरों को पढ़ाया पाठ, कैसे करना है फोर्टीफाइड चावल का प्रचार प्रसार

चंदौली जिले में खाद्य एवं रसद विभाग, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम संस्था एवं न्यू कांसेप्ट इनफार्मेशन सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के  द्वारा फोर्टीफाइड चावल पर जन जागरूकता हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिलाधिकारी संजीव सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की।
 

बच्चों एवं महिलाओं  के कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सकता है

फोर्टीफाइड चावल पर जन जागरूकता हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिलाधिकारी संजीव सिंह की

चंदौली जिले में खाद्य एवं रसद विभाग, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम संस्था एवं न्यू कांसेप्ट इनफार्मेशन सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के  द्वारा फोर्टीफाइड चावल पर जन जागरूकता हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिलाधिकारी संजीव सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की। इस दौरान फोर्टीफाइड चावल की विशेषता बताते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि यह चावल विटामिन बी-12, फोलिक एसिड व आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर है, जिसके खाने से पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है। फोर्टीफाइड चावल में कई पोषक गुण हैं। इसके नियमित सेवन से एनीमिया से बचाव होता है तथा बेहतर पोषण एवं स्वास्थ्य सुनिश्चित होता है। इसके सेवन बच्चों एवं महिलाओं  के कुपोषण की समस्या को दूर किया जा सकता है।

DM CHANDAULI
  जिलाधिकारी ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री द्वारा 9 जनवरी 2021 को जनपद में सर्वप्रथम पायलट प्रोजेक्ट के रूप में फोर्टीफाइड चावल का शुभारंभ किया गया था। जनपद में कोटे की दुकानों एवं आईसीडीएस विभाग के माध्यम से महिलाओं एवं बच्चों के पोषण हेतु पूरक आहार के रूप में इसका वितरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में इसका उत्पादन किया जा रहा है। बताया गया कि वर्तमान में लगभग 1.5 लाख मीट्रिक टन फोर्टीफाइड चावल का उत्पादन जनपद में किया जा रहा है। 

इन विभागों को करना है समन्वय

जिलाधिकारी ने उपस्थित स्वास्थ्य, बेसिक शिक्षा, बाल विकास विभाग, पंचायत राज विभाग, जिला पूर्ति विभाग अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि फोर्टीफाइड चावल के विषय में  व्याप्त भ्रांतियों को दूर करते हुए लोगों में व्यापक प्रचार प्रसार कर जागरूक किया जाए। संबंधित विभाग इस पर ठोस कार्ययोजना बनाकर कार्य करें। 

समस्त अधिकारीगण लोगों को इसके फायदे के बारे में बताएं। संबंधित विभाग ब्लॉक एवं स्थानीय स्तर पर बैठकें करके इसके गुणों के बारे में बताएं। इस दौरान पोषण, स्वास्थ्य व टीकाकरण से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के विषय में भी लोगों को बताएं। संबंधित विभाग पंपलेट आदि प्रचार सामग्री तैयार कर लोगों में वितरित कराएं। उन्होंने फोर्टिफाइड चावल के विषय में व्यापक प्रचार प्रसार एवं जागरूकता हेतु जनसहभागिता की आवश्यकता पर भी बल दिया। 

इस संदर्भ में आगामी तीन माह में कुकिंग प्रदर्शनी एवं आईसी वैन के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार में सहयोग देने हेतु संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया।
      
कैसे बनता है फोर्टीफाइड चावल

कार्यशाला के दौरान बताया गया कि चावल को फोर्टीफाइड करने के लिए सबसे पहले सामान्य चावल का पाउडर बनाया जाता है और उसमें सूक्ष्म पोषक तत्वों यथा विटामिन B12,फोलिक एसिड और आयरन, एफएसएसएआई के मानकों के अनुसार मिलाये जाते हैं। चावल के पाऊडर और विटामिन व मिनरल के मिश्रण को मशीनों द्वारा गूंथा जाता है और एक्सट्रूडर नामक मशीन से चावल के दानों या FRK को निकाला जाता है। इस FRK के एक दाने को सामान्य चावल के 100 दानों के अनुपात में मिलाया जाता है, जिसे फोर्टीफाइड चावल कहा जाता है। 

ऐसे हैं फोर्टीफाइड चावल के फायदे

फोर्टीफाइड चावल में कई पोषक गुण हैं। इसमें आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी12 जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व/ माइक्रो न्यूट्रिएंट्स मिलाये जाते हैं। ये पोषक तत्व एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से बचाता है। फोर्टीफाइड चावल स्वाद, सुगंध एवं दिखने में सामान्य चावल की तरह ही होता है। इसे सामान्य चावल की तरह ही पकाकर सेवन करना चाहिए।

 कार्यशाला के दौरान महिला महाविद्यालय, बीएचयू की गृह विज्ञान की प्रोफेसर डॉ मुक्ता सिंह व डॉ ऋचा सिंह द्वारा फोर्टीफाइड चावल के गुणों, इसके फायदे एवं इससे संबंधित भ्रांतियों के विषय मे विस्तारपूर्वक बताया गया। न्यू इन्फॉर्मेशन सिस्टम संस्था के श्री संजय शर्मा तथा वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम संस्था के श्री निरंजन बरियार ने फोर्टीफाइड चावल के प्रचार प्रसार हेतु किये गये प्रयासों के विषय मे बताया।

 कार्यशाला के दौरान सीएमओ, डी आईओएस, बीएसए, डी पीआरओ, डिप्टी आरएमओ, जिला पूर्ति अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, स्वास्थ्य, बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार, खाद्य एवं रशद विभाग सहित अन्य संबंधित अधिकारी व कोटेदार उपस्थित रहे।

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