देखिए नौगढ़ में कहां-कहां बंद होने जा रहे हैं स्कूल, खंड शिक्षा अधिकारी ने पकड़ाया नोटिस
नौगढ़ में तीन फर्जी स्कूलों का खुलासा
एबीएसए लालमणि कनौजिया के निरीक्षण में खुली पोल
जर्जर भवन और टाट-पट्टी पर बैठकर पढ़ते बच्चे
अब होगा ₹1 लाख तक का जुर्माना और केस दर्ज
चंदौली जिले के नौगढ़ ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) लालमणि कनौजिया ने निरीक्षण के दौरान तीन ऐसे विद्यालयों का भंडाफोड़ किया है, जो बिना मान्यता के संचालित हो रहे थे। बीएसए सचिन कुमार को रिपोर्ट सौंपते हुए उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को भी मामले से अवगत कराया है। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे विद्यालयों से बच्चों का भविष्य अधर में लटक जाता है, लिहाजा विभाग ने इन्हें तत्काल बंद कराने की संस्तुति की है।
खंड शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण के दौरान पंचायत बाघी का आदर्श विद्या मंदिर, सनराइज पब्लिक कोचिंग सेंटर और पंचायत बसौली में लालतापुर स्थित ग्राम्या संस्थान का चिराग केंद्र बिना मान्यता के संचालित मिले। इन विद्यालयों में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं अध्ययनरत पाए गए। यह बच्चे अपने अभिभावकों की उम्मीदों के साथ यहां पढ़ने आते थे, लेकिन संस्थानों के पास कानूनी मान्यता नहीं थी। शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कहा है कि अब ऐसे स्कूलों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

- आदर्श विद्या मंदिर - नर्सरी से कक्षा 5 तक की पढ़ाई होती मिली, लगभग 100 छात्र नामांकित थे। विद्यालय का ढांचा तो खड़ा था लेकिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव था।
- सनराइज कोचिंग सेंटर - नर्सरी से यूकेजी तक पढ़ाई चल रही थी, इसमें करीब 80 बच्चे मौजूद पाए गए।
- ग्राम्या संस्थान चिराग केंद्र - यहां 100 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ रहे थे। गांव के लोग बच्चों को यहां भेजते थे, क्योंकि अच्छी पढ़ाई का कहीं और विकल्प नहीं था।

एबीएसए लालमणि कनौजिया ने चंदौली समाचार को बताया कि बच्चों को टाट-पट्टी पर बैठाकर पढ़ाया जा रहा था और भवन की हालत भी जर्जर मिली। यह स्थिति बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। जब शिक्षकों और प्रधानाचार्यों से मान्यता के कागज मांगे गए तो वे कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। ऐसे में साफ है कि संचालक बिना किसी अनुमति के बच्चों का भविष्य दांव पर लगा रहे हैं।
यह पहली नोटिस नहीं है
खंड शिक्षा अधिकारी ने यह भी खुलासा किया कि इन स्कूलों को पहले भी नोटिस भेजा जा चुका था। पूर्व एबीएसए नागेंद्र सरोज ने स्कूल संचालकों से जवाब मांगा था, लेकिन उन्होंने उसे गंभीरता से नहीं लिया। न तो कोई कागज जमा किया और न ही विभाग के नियमों का पालन किया। इसके बावजूद स्कूल लगातार चलाए जाते रहे, जो सीधा-सीधा कानून का उल्लंघन है। अब यह मामला बीएसए और सीडीओ तक पहुंच गया है, जिससे स्पष्ट है कि इस बार कार्रवाई निश्चित रूप से होगी।

स्कूलों पर लगेगा ताला और एक लाख का जुर्माना
एबीएसए ने कहा कि बिना मान्यता के स्कूल संचालित करने वालों पर ₹1 लाख तक का जुर्माना और अन्य दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने संचालकों को तीन दिन का समय दिया है ताकि मान्यता संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत किए जा सकें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो विभाग न केवल स्कूल बंद कराएगा बल्कि संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई भी करेगा। एबीएसए ने दो टूक कहा कि शिक्षा विभाग बच्चों के साथ किसी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगा और जिम्मेदार अधिकारियों को भी इसकी निगरानी का निर्देश दिया गया है।
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