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आदित्य नारायण राजकीय इंटर कालेज के शिक्षकों से लें सीख, कैसे होता है कॉलेज का कायाकल्प

भावना व लगाव से एक  राजकीय इंटर कालेज के अध्यापकों व कर्मचारियों ने अपने वेतन के पैसे से स्कूल का कायाकल्प करने की पहल की है। यहां के शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने मूल वेतन से कालेज का रंगरोगन सहित परिसर के सुंदरीकरण को करके एक संदेश देने की कोशिश की है। 
 

एक मिसाल पेश कर रहा है आदित्य नारायण राजकीय इंटर कालेज

जिले में बन रही है अलग पहचान

 कम शिक्षक होते हुए भी बच्चों के भविष्य को संवारने की कोशिश

अपने से जुटा रहे साधन व संसाधन 

 

कहते हैं कि अगर आप अपनी रोजी-रोटी से प्यार करोगे और अपना समझकर उसको संभालोगे तो वह आपको कभी निराश नहीं करेगी। कुछ इसी भावना व लगाव से एक  राजकीय इंटर कालेज के अध्यापकों व कर्मचारियों ने अपने वेतन के पैसे से स्कूल का कायाकल्प करने की पहल की है। यहां के शिक्षकों और कर्मचारियों ने अपने मूल वेतन से कालेज का रंगरोगन सहित परिसर के सुंदरीकरण को करके एक संदेश देने की कोशिश की है। 

आपको बता दें चकिया नगर स्थित आदित्य नारायण राजकीय इंटर कालेज जहां छात्रों के नामांकन, उपस्थिति व गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए अपनी अलग पहचान बना चुका है । इस कालेज ने लगातार तीसरे वर्ष की ग्रेडिंग में ए श्रेणी हासिल किया है। दो दशक से रंगरोगन, मरम्मत के अभाव में बदरंग हो चुके कालेज भवन का कायाकल्प करने में प्रधानाचार्य सहित शिक्षकों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, संविदा कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्य में प्रधानाचार्य ने अपना एक महीने व शिक्षकों, कर्मचारी ने भी अपने वेतन से कालेज के रंगरोगन में लगभग एक लाख रुपए का आर्थिक सहयोग करने के साथ ही शारीरिक सहयोग किया।


 वर्तमान में कालेज के रंगरोगन के साथ ही फूलों की बागवानी, हर्बल गार्डन बरबस छात्रों, अभिवावकों को अपनी और आकर्षित कर रहे हैं। प्रधानाचार्य राजेश कुमार यादव के प्रयास से प्रोजेक्ट अलंकार योजना को मूर्त रूप देते हुए कक्ष के छत की मरम्मत करायी गयी। कॉलेज की खिड़की आदि का कार्य करने के साथ ही स्मार्ट क्लासेस को मूर्त रूप दिया गया।

साथ ही शिक्षकों व अभिभावकों के सहयोग का ही नतीजा रहा कि कालेज में विशाल मंच शुद्ध पेयजल, शौचालय, सीसीटीवी कैमरा, पाथवे, रसोईघर के समीप भोजनालय के टीन सेट की मरम्मत आदि की मुकम्मल व्यवस्था कर कालेज को अव्वल बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। तभी तो छात्रों की संख्या वर्ष 2021-22 में 2287 बढ़कर वर्ष 23-24 में 3460 तक पहुंच गई है और प्रत्येक तीन माह के अंतराल में होने वाले कालेज की ग्रेडिंग में ए श्रेणी कालेज हासिल करता रहा है।

 हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कई छात्र अव्वल अंक हस हासिल कर जिले के टॉप टेन की सूची में अपना नाम दर्ज कर चुके हैं। गुलब्शाह बानो, हर्षवर्धन, एहतेशाम अंसारी, आस्था यादव आदि कई छात्रों का नाम शामिल है।

आपको बता दें कि कालेज में सहायक अध्यापक का पद 34 स्वीकृत हैं। इसमें 12 पद रिक्त चल रहे हैं। इसी प्रकार लेक्चरर के 19 पदों में आठ पद रिक्त बने हुए हैं। इसमें कामर्स, मनोविज्ञान, केमिस्ट्री, संस्कृत, भौतिक विज्ञान अर्थशास्त्र आदि के लेक्चरर नहीं है। फिर भी यहां पढ़ाई प्रभावित नहीं होती है।

कालेज में शिक्षक अभिभावक समन्वय समिति गठित है। जो समय-समय पर मिल बैठ कर कॉलेज की प्रगति पर चर्चा करने के साथ ही उसे मूर्त रूप देती है। साथ ही कमियों को दूर करने की कोशिश करती है। 

इस संबंध में चकियाा उप जिलाधिकारी कुंदन राज कपूर ने बताया कि निश्चित तौर पर प्रधानाचार्य समेत शिक्षक व कर्मचारियों के नेक इरादे से नगर स्थित कालेज अपनी अलग पहचान जनपद में बनाए हुए हैं। छात्रों, अभिवावकों की उम्मीदों पर भी यह कॉलेज खरा उतर रहा है।  शिक्षा के साथ ही खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम समेत सामाजिक अन्य आयामों में दमदार हिस्सेदारी लेना काबिले तारीफ है। यह एक प्रेरणादायी काम है, जिसे अन्य लोग अपना सकते हैं।

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