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सड़क हादसे में प्रशासनिक अधिकारी की मौत से कलेक्ट्रेट में शोक की लहर

कृष्ण कुमार श्रीवास्तव बुधवार देर शाम कलेक्ट्रेट कार्यालय का कार्य निपटाकर अपनी मोटरसाइकिल से वाराणसी स्थित अपने किराए के आवास महमूरगंज लौट रहे थे।
 



चंदौली जिला प्रशासन में शोक की लहर

सड़क हादसे में कलेक्ट्रेट के प्रशासनिक अधिकारी की दर्दनाक मौत

कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव नहीं रहे

अज्ञात वाहन की टक्कर से गई जान

चंदौली जिले में बुधवार की देर शाम हुए एक हृदय विदारक सड़क हादसे ने पूरे प्रशासनिक महकमे को झकझोर कर रख दिया है। कलेक्ट्रेट में तैनात एक अत्यंत लोकप्रिय और कर्तव्यनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव की एक सड़क दुर्घटना में दुखद मौत हो गई। इस असामयिक निधन की खबर फैलते ही कलेक्ट्रेट परिसर में शोक की लहर दौड़ गई, और अधिकारियों तथा सहकर्मियों को उनके आकस्मिक जाने पर विश्वास करना मुश्किल हो गया।

जानकारी के अनुसार, कृष्ण कुमार श्रीवास्तव बुधवार देर शाम कलेक्ट्रेट कार्यालय का कार्य निपटाकर अपनी मोटरसाइकिल से वाराणसी स्थित अपने किराए के आवास महमूरगंज लौट रहे थे। यह उनका दैनिक क्रम था, जिसके तहत वह प्रतिदिन वाराणसी से चंदौली आना-जाना करते थे। नियत समय पर लौटते वक्त, अलीनगर थाना क्षेत्र के पचफेदवा के पास एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को ज़ोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि कृष्ण कुमार श्रीवास्तव गंभीर रूप से घायल हो गए और सड़क पर ही गिर पड़े।

Krishna Kumar Srivastava

दुर्घटनास्थल पर मौजूद राहगीरों ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें तत्काल ज़िला चिकित्सालय चंदौली में भर्ती कराया। प्रारंभिक जांच के बाद, चिकित्सकों ने उनकी हालत अत्यंत नाजुक बताई। जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करते हुए, देर रात उन्होंने अस्पताल में अंतिम साँस ली। उनके निधन की खबर बिजली की तरह पूरे ज़िले के प्रशासनिक गलियारों में फैल गई, जिससे चारों ओर मायूसी छा गई।

मूल रूप से मारुफपुर क्षेत्र के साबोपुर गांव के निवासी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव पिछले कई वर्षों से चंदौली कलेक्ट्रेट में अपनी सेवाएँ दे रहे थे। वह अपनी ईमानदारी, सादगी और कर्तव्यनिष्ठा के कारण कलेक्ट्रेट के कर्मचारी वर्ग और अधिकारी वर्ग, दोनों के बीच बेहद लोकप्रिय थे। सहकर्मियों ने उन्हें एक शांत स्वभाव और समर्पण की मिसाल बताते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रशासनिक अधिकारी के रूप में उनका सौम्य व्यवहार और कार्य के प्रति उनकी लगन सभी के लिए प्रेरणास्रोत थी।

हादसे की जानकारी मिलते ही उनके परिवारजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। रोते-बिलखते परिजन देर रात वाराणसी से ज़िला चिकित्सालय पहुंचे, जहां उनका पार्थिव शरीर रखा गया था। अस्पताल का माहौल शोकाकुल हो गया, और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। उनका कहना था कि कृष्ण कुमार रोजाना इसी मार्ग से दफ्तर जाते थे और हमेशा की तरह सामान्य रूप से लौट रहे थे।

इस घटना पर थाना प्रभारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि दुर्घटना में शामिल वाहन तेज़ रफ़्तार से गुज़र रहा था और टक्कर मारने के बाद मौक़े से फ़रार हो गया। पुलिस ने अज्ञात वाहन और उसके चालक की पहचान के लिए आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। देर रात को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

यह भी गौरतलब है कि अलीनगर नगर थाना क्षेत्र का पचफेदवा इलाका अब दुर्घटना का ज़ोन बनता जा रहा है। आए दिन होने वाले सड़क हादसों के चलते इस स्थान पर कई मौतें हो चुकी हैं, जो इस मार्ग की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

इधर, ज़िला प्रशासन ने दिवंगत अधिकारी के परिवार को इस कठिन समय में हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। पुलिस ने घटना की गहन जांच शुरू कर दी है और फरार अज्ञात वाहन की तलाश में तेज़ी से जुटी हुई है। प्रशासनिक अधिकारी कृष्ण कुमार श्रीवास्तव का आकस्मिक निधन ज़िले के लिए एक अपूरणीय क्षति है।

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