शहाबगंज ब्लॉक में पाइप घोटाले पर ड्राइवर का खुलासा, एडीओ पंचायत के कहने पर बनारस ले गए पाइप
पाइपों की नीलामी के बजाय बनारस भेजी गयी थी पाइप
बीडीओ साहब की मिलीभगत की होनी चाहिए जांच
हैण्डपम्प की पाइपों को पंचायत से घर ले जाने का मामला
चंदौली जिले के शहाबगंज ब्लॉक में पाइपों की नीलामी में धांधली के आरोप के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में ड्राइवर ने बड़ा खुलासा किया है। ड्राइवर के बयान के अनुसार, खराब पाइपों को नीलाम करने की बजाय बनारस भेज दिया गया था। यह काम उसने एडीओ पंचायत के ही कहने पर किया है, जिससे मामला साफ है कि सारे खेल के पीछे एडीओ अरविंद सिंह ही शामिल हैं।
ड्राइवर ने बताया कि सफाईकर्मी ने ही इन पाइपों को गाड़ी में लदवाया था और उसे बनारस ले जाने के लिए तीन हजार रुपये का भाड़ा दिया गया था। जब ड्राइवर से पूछा गया कि यह किसके कहने पर किया गया, तो उसने साफ तौर पर कहा कि यह एडीओ पंचायत का कारनामा है। इस खुलासे ने मामले को और गंभीर बना दिया है, क्योंकि इससे साफ होता है कि सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग हुआ है और नीलामी की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।
आपको बता दें कि इससे पहले भी, फत्तेपुर खुर्द गांव के निवासी रामप्रवेश यादव ने एडीओ पंचायत अरविंद कुमार सिंह पर पाइपों को घर मंगवाने और नीलामी न करने का आरोप लगाया था।
अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कब तक कार्रवाई करता है और क्या संबंधित अधिकारियों पर कोई सख्त कदम उठाए जाते हैं। मामले की सच्चाई सामने आने के बाद से गांव में आक्रोश बढ़ता जा रहा है, और लोग इस भ्रष्टाचार की जाँच की माँग कर रहे हैं। इस नए खुलासे के बाद जिले के उच्चाधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
ड्राइवर के बयान ने इस पूरे मामले की जाँच की दिशा को नया मोड़ दे दिया है और इस पर आगे की कार्रवाई का सबको इंतजार है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि इस काम में खंड विकास अधिकारी की भी सहमति शामिल है। अकेले अपने मन से अरविंद से ये खेल नहीं कर सकते हैं। इसलिए उनकी भी भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*