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जारी है न्यायालय निर्माण और मुख्यालय के विकास का आंदोलन, जल्द पूरी होने वाली है समय-सीमा

जिला संघर्ष समिति जिला न्यायालय एवं मुख्यालय विकास के लिए आंदोलन को जारी रखने का सही निर्णय लिया था, क्योंकि आंदोलन खत्म होने के बाद जिला प्रशासन सुस्त पड़ जाता है।
 

जानिए समय सीमा पूरी होने के बाद क्या करेंगे अधिवक्ता

सिविल बार एसोसिएशन के महामंत्री अनिल सिंह का ऐलान

अधिवक्ता देंगे मुंहतोड़ तरीके से वादा खिलाफी का जवाब


चंदौली जिले के न्यायालय निर्माण और मुख्यालय के विकास को लेकर कचहरी में चल रहा है संघर्ष समिति का आंदोलन जारी है। इस दौरान अधिवक्ता हर दिन नारेबाजी करते हुए अपने आंदोलन को धार देने की कोशिश करते हैं तथा जिला प्रशासन और संबंधित विभागों को इस बात की याद दिलाते हैं कि जिस दिन समय सीमा पूरी होगी, उस दिन और जोरदार तरीके से आंदोलन चलाया जाएगा।

 इस दौरान सिविल बार एसोसिएशन के महामंत्री अनिल सिंह ने कहा कि सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन के अफसरों की ओर से जो आश्वासन दिया गया है, उसकी समय अवधि पूर्ण होने में केवल कुछ दिन और बाकी है। इसके बावजूद जिला न्यायालय निर्माण के संदर्भ में अब तक कोई प्रगति दिखाई नहीं दे रही है। ऐसा लगता है कि आंदोलन स्थगित किए जाने के कारण जिला प्रशासन एक बार फिर से शिथिल पड़ गया है।

advocates andolan

 अधिवक्ताओं ने कहा कि जनप्रतिनिधियों की लापरवाही जारी है उनको अबकी बार लापरवाही महंगी पड़ेगी और उनकी इस हरकत का अधिवक्ता मुंहतोड़ तरीके से जवाब देंगे। जिला संघर्ष समिति जिला न्यायालय एवं मुख्यालय विकास के लिए आंदोलन को जारी रखने का सही निर्णय लिया था, क्योंकि आंदोलन खत्म होने के बाद जिला प्रशासन सुस्त पड़ जाता है।

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इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों के उपेक्षा के कारण ही 2 दशक से  अधिक का समय बीतने के बाद जिले में न्यायालय भवन और अन्य सुविधाओं का अभाव रहा है। इसी वजह से न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और वादकारियों को तमाम तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती हैं।

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 चंदौली जिले के अभी भी एक दर्जन से अधिक कार्यालय जाकर किराए के मकान में चलते हैं या वहां पर तमाम तरह के सुविधाओं का अभाव हैं। चंदौली जिले में जिला समाज कल्याण कार्यालय, दिव्यांग अधिकारी का कार्यालय,  जिला अल्पसंख्यक अधिकारी का कार्यालय, जिला उद्यान विभाग का कार्यालय, मत्स्य विभाग का कार्यालय, खादी ग्रामोद्योग का कार्यालय आज भी किराए के भवनों में संचालित हो रहा है। यह समस्या जनप्रतिनिधि और अधिकारियों को दिखाई नहीं देती। इसीलिए अधिवक्ताओं ने इस आंदोलन को अपने हाथ में लिया है और अंजाम तक पहुंचाने के बाद ही इसे खत्म किया जाएगा।

 इस मौके पर संघर्ष समिति के झन्मेजय सिंह, धनंजय सिंह, महानंद सिंह, महेंद्र चतुर्वेदी, बजरंगी यादव, रामाशंकर यादव, समीर फारूकी, उज्जवल सिंह, रवि कुमार सिंह, सोनू सिंह, विकास सिंह, मणि शंकर राय, प्रवीण यादव शामिल थे।

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