जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

चंदौली मझवार स्टेशन को मिलेंगी तमाम सुविधाएं, अमृत भारत स्टेशन योजना का मिलेगा लाभ

अमृत भारत स्टेशन योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत स्टेशनों के विकास/उन्नयन/आधुनिकीकरण कार्य को सामान्यतः योजना शीर्ष-53 'ग्राहक सुविधाएं' के अंतर्गत वित्तपोषित किया जाता है।
 

पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन का भी सेलेक्शन

केंद्रीय रेल  मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी

और कई विकास कार्यों के लिए हो रहे हैं टेंडर

उत्तर प्रदेश के कुल 157 स्टेशनों का होना है कायाकल्प

चंदौली मझवार रेलवे स्‍टेशन को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकास के लिए चयनित किया गया है।  इस स्‍टेशन के विकास कार्यों के लिए निविदाएं दी जा चुकी हैं तथा स्टेशन भवन का विस्तार, नए पैदल पार पथ का निर्माण, अतिरिक्त प्लेटफार्म शेल्टर, प्लेटफार्म का विस्तार, परिचलन क्षेत्र, पार्किंग क्षेत्र, शौचालय आदि का सुधार आदि कार्य शुरू किए जा चुके हैं।

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकास के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन रेलवे स्टेशन की पहचान की गई है। इस योजना के तहत इस स्टेशन के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। यह एक पुनरावृत्तीय प्रक्रिया है जिसके लिए इष्टतमीकरण की आवश्यकता है और इस स्तर पर इस तरह के इष्टतमीकरण के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है।

इस योजना में दीर्घकालिक दृष्टिकोण के साथ सतत् आधार पर रेलवे स्टेशनों के विकास की संकल्पना की गई है। इसमें प्रत्येक रेलवे स्टेशन की आवश्यकता को देखते हुए स्टेशन पहुंच, परिचलन क्षेत्रों, प्रतीक्षालयों, शौचालयों, में सुधार कार्य, आवश्यकता के अनसार लिफ्ट/एस्केलेटर, प्लेटफॉर्म की सतह में सुधार और प्लेटफॉर्म के ऊपर कवर, स्वच्छता, निःशुल्क वाई-फाई, 'एक स्टेशन एक उत्पाद' जैसी योजनाओं द्वारा स्थानीय उत्पादों के लिए कियोस्क, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, एक्जीक्यूटिव लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए निर्दिष्ट स्थान, लैंडस्केपिंग आदि जैसी सुविधाओं में सुधार लाने के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और उनका चरणबद्ध कार्यान्वयन शामिल है।

इस योजना में आवश्यकता, चरणबद्धता एवं व्यवहार्यता के अनुसार स्टेशन भवन में सुधार, स्टेशन का शहर के दोनों छोर के साथ एकीकरण, मल्टी-मोडाल एकीकरण, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं, दीर्घकालिक और पर्यावरण अनुकुल समाधान, गिट्टी रहित पटरियों की व्‍यवस्‍था आदि और दीर्घावधि में स्‍टेशन पर सिटी सेंटरों के निर्माण की भी परिकल्‍पना की गयी है ।

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत अब तक 1337 स्टेशनों की पहचान विकास के लिए की गई है, जिनमें से 157 स्टेशन उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित हैं।  अमृत भारत स्टेशन योजना सहित अन्य योजनाओं के तहत स्टेशनों के विकास/उन्नयन/आधुनिकीकरण कार्य को सामान्यतः योजना शीर्ष-53 'ग्राहक सुविधाएं' के अंतर्गत वित्तपोषित किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए योजना शीर्ष 53 के अंतर्गत 12,994 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) का आवंटन किया गया है। योजना शीर्ष 53 के तहत आबंटन और व्यय का ब्यौरा  कार्य-वार अथवा स्टेशन-वार न रखते हुए क्षेत्रीय रेल-वार रखा जाता है । उत्तर प्रदेश राज्य पांच जोन अर्थात पूर्व मध्य रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर रेलवे, पूर्वोत्तर रेलवे और पश्चिम मध्‍य रेलवे के अंतर्गत शामिल हैं । इन जोनों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए योजना शीर्ष-53 के अंतर्गत 4,188 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) का आबंटन किया गया है।

रेलवे स्टेशनों का विकास/उन्नयन जटिल प्रकृति का होता है जिसमें यात्रियों और रेलगाड़ियों की संरक्षा शामिल होती है और इसके लिए अग्नि संबंधी मंजूरी, धरोहर, पेड़ों की कटाई, विमानपत्तन स्वीकृति इत्यादि जैसी विभिन्न सांविधिक स्वीकृतियों की आवश्यकता होती है। इनकी प्रगति जनोपयोगी सेवाओं को स्थानांतरित करना (जिनमें जल/सीवेज लाइन, ऑप्टिकल फाइबर केबल, गैस पाइप लाइन, पावर/सिगनल केबल इत्यादि शामिल हैं), अतिलंघन, यात्री संचलन को बाधित किए बिना रेलगाड़ियों का परिचालन, रेलपथ और उच्च वोल्टेज बिजली लाइनों के निकट सान्निध्य में किए जाने वाले कार्यों के कारण गति प्रतिबंध आदि जैसी ब्राउन फील्ड संबंधी चुनौतियों के कारण भी प्रभावित होती है और ये कारक कार्यों के पूरा होने के समय को प्रभावित करते हैं। अतः इस समय कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है।

पटना-दीन दयाल उपाध्याय खंड में धीना और तुलसी आश्रम के बीच कि.मी. 725/15-17 पर सबवे को मंजूरी दे दी गई है। विस्तृत अनुमान स्वीकृत कर दिया गया है और ठेका प्रदान कर दिया गया है।

दानापुर मंडल के कुचामन यार्ड में किमी 744/27-29 पर समपार संख्या 105/ए/टी के स्थान पर उपरी सड़क पुल का निर्माण कार्य स्वीकृत किया गया है। यह कार्य रेलवे द्वारा एकल इकाई आधार पर किया गया है। संरेखण योजना को अंतिम रूप देने का कार्य शुरू कर दिया गया है।

ऊपरी सड़क पुलों/निचले सड़क पुलों के निर्माण कार्यों का पूरा होना और उन्हें कमीशन करना समपार को बंद करने के लिए सहमति देने में राज्य सरकार का सहयोग, पहुंच मार्गों के संरेखण तय करना, सामान्य आरेखण व्यवस्था का अनुमोदन, भूमि अधिग्रहण, अतिक्रमण हटाना, बाधक जनोपयोगी सेवाओं का स्थानांतरण, विभिन्न प्राधिकरणों से सांविधिक स्वीकृतियां, परियोजना क्षेत्र/कार्य स्थलों में कानून और व्यवस्था की स्थिति, जलवायु परिस्थितियों के कारण विशेष परियोजना/क्षेत्र के लिए एक वर्ष में कार्य की अवधि आदि जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है। ये सभी कारक परियोजना/कार्यों को पूरा करने के समय को प्रभावित करते हैं।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*

News Hub