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अब अफसरों व भाजपा नेताओं को सड़क पर नहीं दिखते हैं आवारा जानवर, फेल हो रहा है अभियान

चंदौली जिले में शासन के निर्देश पर बीते दिनों बेसहारा गोवंश के संरक्षण व संवर्धन को लेकर एक अभियान चलाया गया लेकिन वो भी बेअसर साबित हो गया है।
 

बेसहारा गोवंश के संरक्षण व संवर्धन कार्यक्रम में लापरवाही

ऐसे ही चलाया जा रहा है योगी राज में अभियान

अभी भी सड़कों पर घूम रहे हैं गोवंश

लोगों को हो रही है परेशानी

 

चंदौली जिले में शासन के निर्देश पर बीते दिनों बेसहारा गोवंश के संरक्षण व संवर्धन को लेकर एक अभियान चलाया गया लेकिन वो भी बेअसर साबित हो गया है। जब अफसरों की नकेल कसी जाती है तो दो-चार दिनों के लिए एक्टिव होते हैं। इसके बाद वे जानवरों की चिंता करना छोड़ देते हैं। 

आपको बता दें कस्बा, बाजार में किराना व सब्जी की दुकानों में बेसहारा गोवंश मुंह तो मार ही रहे हैं। किसानों की धान की फसल को भी नुकसान पहुंचाने के साथ सड़कों पर विचरण कर रहे हैं। इससे आवागमन करने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से इनके संरक्षण को लेकर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। 


दरअसल बेसहारा गोवंश के संरक्षण को लेकर शासन ने छह माह पूर्व अभियान चलाकर उन्हें गो आश्रय स्थलों में पहुंचाने का निर्देश दिया था। इसके लिए बाकायदा 1500 गोवंश को पकड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन गोवंश को आश्रय स्थलों में पहुंचाने में पशुपालन विभाग की कार्रवाई नाकाफी साबित हुई। ऐसे में कस्बा, बाजार हो या मुख्य सड़क बेसहारा गोवंश के विचरण करने से आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वाहन चालकों की ओर से थोड़ी सी चूक हो रही है तो गोवंश से टकराकर घायल हो जा रहे हैं। 

वहीं गोवंश किसानों की धान की फसल को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से जनपद में बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए 17 गो आश्रय स्थलों का निर्माण कराया गया है। इन आश्रय स्थलों में 1280 गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है।

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