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चंदौली का लाल अंकित यादव ISPL में दिखाएगा दम, 'टाइगर ऑफ कोलकाता' ने ₹6.5 लाख में खरीदा

शहाबगंज के भोड़सर गांव के उभरते क्रिकेटर अंकित यादव ने इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (ISPL) में चयन होकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कक्षा 12 में पढ़ने वाले अंकित को 'टाइगर ऑफ कोलकाता' फ्रेंचाइजी ने ₹6.5 लाख की मोटी बोली लगाकर अपनी टीम में शामिल किया है। तेज गेंदबाज अंकित की सफलता के पीछे उनके दादा का समर्थन और वाराणसी के सिगरा स्टेडियम में निरंतर अभ्यास है। उनके चयन से पूरे क्षेत्र और परिवार में हर्ष का माहौल है।

 

सिगरा स्टेडियम की मेहनत रंग लाई


शहाबगंज के भोड़सर गांव का रहने वाला है युवक


शहाबगंज के उभरते फास्ट बॉलर अंकित यादव का सेलेक्शन


इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग में हो गया चयन


6.5 लाख में 'टाइगर ऑफ कोलकाता' ने अपनी टीम में किया शामिल

चंदौली जिले के शहाबगंज क्षेत्र के भोड़सर गांव के उभरते क्रिकेटर अंकित यादव ने इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (ISPL) में चयन होकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। कक्षा 12 में अध्ययनरत एक साधारण ग्रामीण परिवेश के इस प्रतिभाशाली युवक ने अपने संघर्ष, असाधारण मेहनत और खेल के प्रति अटूट लगन के बल पर वह मुकाम हासिल किया है, जिसके लिए बड़े-बड़े शहरों के युवा वर्षों तक संघर्ष करते हैं। उनकी इस उपलब्धि की खबर मिलते ही गांव से लेकर पूरे स्थानीय खेल जगत तक में खुशी की लहर दौड़ गई है।

संघर्ष भरी यात्रा में दादा का अमूल्य समर्थन
अंकित यादव की सफलता की कहानी उनके व्यक्तिगत संघर्ष की एक मार्मिक दास्तां है। बहुत छोटी उम्र में ही उनके पिता नरेंद्र यादव का देहांत हो गया था। पिता के असमय चले जाने का दुख परिवार के साथ-साथ युवा अंकित के मनोबल को भी तोड़ सकता था, लेकिन इस कठिन समय को उन्होंने अपनी कमजोरी बनने नहीं दिया।

इस संकट की घड़ी में उनके दादा कतवारू यादव ने न केवल पिता का स्थान लिया, बल्कि अंकित को हतोत्साहित होने से बचाया। दादा ने उनकी पढ़ाई को जारी रखने के लिए प्रेरित किया और साथ ही, क्रिकेट में उनकी गहरी रुचि को पहचानकर उनका मनोबल लगातार बढ़ाया। अंकित की कहानी इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण है कि प्रतिभा को यदि सही दिशा और निरंतर समर्थन मिल जाए, तो वह विपरीत परिस्थितियों में भी निखर उठती है। दादा के प्रोत्साहन और परिवार के सहयोग ने ही अंकित को आगे बढ़ने की शक्ति दी और उन्हें मैदान पर केंद्रित रहने में मदद की।

वाराणसी के सिगरा स्टेडियम में निरंतर अभ्यास
अंकित यादव की असली क्रिकेटीय यात्रा तब शुरू हुई जब उनके दादा ने उनकी प्रतिभा को तराशने के लिए उन्हें वाराणसी के सिगरा स्टेडियम में प्रशिक्षण के लिए भेजा। ग्रामीण माहौल से निकलकर शहर के प्रतिस्पर्धी मैदानों पर खेलने की शुरुआत अंकित के लिए आसान नहीं थी, लेकिन उनके खेल के प्रति उत्साह और समर्पण ने उन्हें जल्दी ही टीम और कोचों के बीच खास बना दिया।

अंकित अपनी तेज रफ्तार गेंदबाजी (फास्ट बॉलिंग) के लिए जल्द ही स्टेडियम के कोचों और अन्य खिलाड़ियों के बीच चर्चा का विषय बन गए। वह रोज़ सुबह से लेकर शाम तक घंटों अभ्यास करते थे और उन्होंने कभी भी थकान को अपनी मेहनत के आड़े नहीं आने दिया। उन्होंने लगातार अपने बॉलिंग एक्शन, गति और लाइन-लेंथ पर काम किया। इसी निरंतरता और समर्पण का नतीजा यह रहा कि अभ्यास सत्रों के दौरान ही उनकी प्रभावी गेंदबाजी ने कई अनुभवी चयनकर्ताओं की नजरों को अपनी ओर आकर्षित किया।

आईएसपीएल ट्रायल में  चयनकर्ताओं को किया प्रभावित 
इंडियन स्ट्रीट प्रीमियर लीग (ISPL) के ट्रायल सत्र में जब अंकित यादव ने गेंद संभाली, तो मैदान पर मौजूद विशेषज्ञों ने उनके कौशल को तुरंत पहचान लिया। उनकी तेज गति, गेंद में स्विंग और सटीक लाइन-लेंथ की निरंतरता ने ट्रायल देखने आए विशेषज्ञों को काफी प्रभावित किया। ट्रायल सत्र के दौरान अंकित ने जिस आत्मविश्वास और नियंत्रण के साथ गेंदबाजी की, वह उनकी उम्र के लिहाज से असाधारण था।

यही कारण था कि ट्रायल में उनकी प्रतिभा ने फ्रेंचाइजी मालिकों का ध्यान खींचा। आईएसपीएल की मिनी नीलामी में अंकित यादव पर 'टाइगर ऑफ कोलकाता' फ्रेंचाइजी की नजर पड़ी। टीम ने इस युवा और प्रतिभाशाली फास्ट बॉलर को अपनी टीम में शामिल करने के लिए ₹6.5 लाख (साढ़े छह लाख रुपये) की बड़ी बोली लगाई। यह बोली न केवल अंकित की प्रतिभा की सशक्त पहचान है, बल्कि एक ग्रामीण क्रिकेटर की मेहनत की बड़े मंच पर स्वीकृति भी है।

उज्ज्वल भविष्य की ओर कदम
वर्तमान में अंकित यादव सवैया गांव स्थित सर्व धर्म इंटर कॉलेज में कक्षा 12 के छात्र हैं। एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने वाले युवक के लिए यह उपलब्धि बेहद बड़ी है। यह साबित करता है कि अगर प्रतिभा में दम है, तो उसे मंच खुद रास्ता ढूंढ लेता है।

आईएसपीएल में चयन के साथ ही अंकित के सामने क्रिकेट की दुनिया में नए और बड़े अवसर खुल गए हैं। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि युवा खिलाड़ियों के लिए यह लीग एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है, जहां अच्छे प्रदर्शन के दम पर वे सीधे बड़े मंचों और यहां तक कि राष्ट्रीय स्तर तक भी पहुँच सकते हैं।

अंकित ने स्वयं कहा है कि यह उनके जीवन की एक नई शुरुआत है और वह अपने दादा, गांव, स्कूल और क्षेत्र के लोगों द्वारा दिखाए गए विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी मेहनत और समर्पण के साथ खेलेंगे। उनके चयन पर गांव के प्रधान प्रतिनिधि सत्येंद्र मौर्य, पूर्व प्रधान निरंजन मौर्या, सुरेश यादव, रत्नेश यादव, बूच्चन यादव सहित पूरे क्षेत्र ने हर्ष व्यक्त किया है।

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