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470 उच्च प्राथमिक स्कूलों में 'अनुभूति पाठ्यक्रम', जिले में दिखेगा बदलाव ​​​​​​​

बेसिक शिक्षा परिषद के 470 उच्च प्राथमिक स्कूलों में पहली बार 'अनुभूति पाठ्यक्रम' लागू होगा। ताकि किताबी ज्ञान हासिल कर बच्चे सफल अफसर, नेता, डॉक्टर, इंजीनियर बनें, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश के विकास में योगदान देने के योग्य बनें।
 

42 हजार छात्र-छात्राओं में नैतिक जीवन मूल्य विकसित करने की पहल

एक अच्छा नागरिक बनाने के लिए कोर्स

सभी को दी जाएगी जीवन मूल्यों की समझ 

 

चंदौली जिले में बेसिक शिक्षा परिषद के 470 उच्च प्राथमिक स्कूलों में पहली बार 'अनुभूति पाठ्यक्रम' लागू होगा। ताकि किताबी ज्ञान हासिल कर बच्चे सफल अफसर, नेता, डॉक्टर, इंजीनियर बनें, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश के विकास में योगदान देने के योग्य बनें।


बताते चलें कि स्कूलों में लगभग 42 हजार अध्ययनरत कक्षा 6 से 8 तक के छात्र-छात्राओं में जीवन मूल्यों की समझ विकसित की जाएगी, ताकि किताबी ज्ञान हासिल कर वे न सिर्फ सफल अफसर, नेता, डॉक्टर, इंजीनियर बनें, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में देश के विकास में योगदान देने के योग्य बनें। 


इसके लिए महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने मनोविज्ञान एवं निर्देशन विभाग के विशेषज्ञों को 'अनुभूति पाठ्यक्रम', हैंडबुक विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। 

इसके तहत कक्षा छह, सात व आठ के लिए अलग-अलग तैयार हो रहे पाठ्यक्रम के जरिए छात्र-छात्राओं में जीवन मूल्यों की समझ विकसित की जाएगी। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020, नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) को आधार चनाया है। बच्चों के व्यक्तित्व को विकसित करने के लिए एनईपी में दिए गए मूलभूत सिद्धांतों के आधार पर शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, नैतिक, सांस्कृतिक, पर्यावरणीय, मूल्य, शांति एवं सौहार्द, सामाजिक, संवैधानिक व जीवन कौशल को आधार बनाया गया है।

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