APAAR ID बनाने में जिले की रफ्तार काफी सुस्त, 3 लाख छात्रों का अभी भी नहीं बन पायी अपार आईडी

नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों के लिए अपार आईडी अनिवार्य
अब तक केवल 27% छात्रों की बनी अपार आईडी बनी
आधार में गड़बड़ी बनी सबसे बड़ी बाधा
सत्यापन में हो रही देरी
चंदौली जिले में नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में आधार की तरह बच्चों का अपार कार्ड (आटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक रजिस्ट्री) बनाए जा रहे हैं। शासन से कक्षा एक से आठवीं तक विद्यार्थियों की अपार आइडी तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन, विभाग अपार आइडी बनाने में पिछड़ रहा। अभी तक 27 प्रतिशत विद्यार्थियों की अपार आइडी बन पाई है, जबकि तीन लाख बच्चों की आइडी बनाना शिक्षा विभाग के चुनौती साबित हो रहा है। प्रमाण पत्रों मे विसंगति होने की वजह यह कार्य धीमा है।

आपको बता दें कि जनपद में 2122 सरकारी व निजी विद्यालय हैं। इनमें पंजीकृत 4.15 लाख विद्यार्थियों के अपार बनने हैं। यह अभियान सितंबर-अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ था। लेकिन, छह माह बाद भी यह कार्य तेजी नहीं पकड़ पाया है। इस आइडी में प्रत्येक विद्यार्थी का एक यूनिक नंबर होगा। इस नंबर के जरिये उनकी पढ़ाई की जानकारी आइडी में अपलोड रहेगी। 12 अंकों के कोड की आइडी आधार से लिंक रहेगा। इसमें छात्रों की जन्मतिथि, अभिभावक का नाम पता, मार्कशीट, शैक्षिक प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र समेत पढ़ाई से संबंधित सभी डाटा मौजूद रहेगा। सभी स्कूलों को अभिभावकों से सहमति पत्र भी लेना होगा। सभी स्कूलों को प्रारूप सौंपा गया है। लेकिन, शिक्षकों व अभिभावक की अनदेखी के चलते अपार तेजी से नहीं बन पा रहे हैं। अभी तक एक लाख 12 हजार 50 बच्चों की ही आइडी बन सकी है।

उठानी पड़ रही ये परेशानियां:
विभाग के अनुसार, अपार आइडी बनने की प्रक्रिया में आ रहीं ज्यादातर समस्याएं आधार कार्ड से संबंधित हैं। बच्चों के आधार कार्ड में नाम, स्पेलिंग, जन्मतिथि या पता सही नहीं होने के कारण जानकारी मिलाने में परेशानी आ रही है। आधार में सुधार करवाने में तीन दिन से लेकर एक सप्ताह का समय लग रहा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में सर्वर की समस्या भी हो रही है। इससे प्रक्रिया में देरी हो रही है।
अभिभावक से सहमति लेना जरूरी
अपार आइडी बनाने में छात्रों का नाम, माता-पिता का नाम, जन्म तिथि, जेंडर, आधार नंबर और चाइल्ड प्रोफाइल एंट्री के बाद आधार सत्यापित किया जाएगा। अभिभावक की सहमति जरूरी है। पहचान पत्र और सत्यापन के बाद स्कूल स्तर पर प्रभारी शिक्षक यू-डायस पोर्टल से आइडी जेनरेट करेंगे।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने बताया कि अभिभावकों की सहमति के बाद ही अपार आइडी जेनरेट की जा रही है। जागरूक करने के बाद भी अभिभावक रूचि नहीं दिखा रहे हैं। अभियान चलाकर अपार बनाए जाएंगे।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*