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आखिर के एक या दो दिन क्यों आते हैं ARTO साहब, चंदौली में क्यों नहीं आना चाहते हैं अधिकारी

यहां तैनात अफसर  किस का समय ऑफिस आते हैं या किस समय जाते हैं। ये लोग जनता से कब मिल सकते हैं..किसी को कुछ पता नहीं चलता है। इसीलिए यहां के  बाबू बेलगाम हैं। भ्रष्टाचार भी चरम सीमा पर पूरे कार्यालय में फैला हुआ है। 
 

भाजपा नेताओं को खटक रही खाली कुर्सी

जानिए क्या था पूरा मामला

आखिर भाजपा नेता अजीत सिंह को सांसद व कैबिनेट मंत्री से क्यों करनी पड़ी शिकायत

चन्दौली जिले एआरटीओ ऑफिस में अधिकारियों के गायब होने की शिकायत भाजपा कार्यकर्ता अजीत सिंह ने बुधवार को सांसद डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय को पत्र लिखकर शिकायत की थी। इसका जवाब देते हुए एआरटीओ प्रशासन ने कहा था कि अतिरिक्त प्रभार होने की वजह से वह चंदौली में हर रोज नहीं बैठ सकते हैं।

आपको बता दें कि भाजपा कार्यकर्ता अजीत कुमार सिंह ने बुधवार को सांसद डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडे को पत्र लिखकर चंदौली एआरटीओ कार्यालय के सभी अधिकारियों के गायब होने की शिकायत की थी। अजीत सिंह ने कार्यालय में खाली पड़ी कुर्सियों की तस्वीर भी संसद को भेजा था।
उन्होंने आरोप लगाया था कि जिले में पांच अधिकारी हैं लेकिन कार्यालय में कोई नहीं बैठता। अजीत सिंह ने पत्र में लिखा था कि चंदौली जनपद में दो राज्यों को जोड़ने वाला जनपद है और नेशनल हाईवे पर है इस जनपद के एआरटीओ विभाग का दुर्भाग्य है कि इस विभाग में पांच पांच अधिकारियों की नियुक्ति है, लेकिन कोई अधिकारी ऑफिस में आपको नहीं मिलता।
उन्होंने कहा कि यहां पर तीन एआरटीओ नियुक्त हैं इसमें यह आरटीओ प्रशासन रमेश चंद्र श्रीवास्तव जो महीने में कभी-कभी आते हैं और कब चले जाते हैं किसी जनता को पता नहीं चल पाता है। दूसरा राम सिंह परिवर्तन पद पर एआरटीओ हैं , तीसरा सर्वेश कुमार गौतम जो एआरटीओ प्रवर्तन फर्स्ट पर है।

ARTO Chandauli
अधिकारी कब मिलेंगे ऑफिस में
यहां तैनात अफसर  किस का समय ऑफिस आते हैं या किस समय जाते हैं। ये लोग जनता से कब मिल सकते हैं..किसी को कुछ पता नहीं चलता है। इसीलिए यहां के  बाबू बेलगाम हैं। भ्रष्टाचार भी चरम सीमा पर पूरे कार्यालय में फैला हुआ है।  जनता त्रस्त है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अधिकारी को फोन करने पर अधिकारी यह कहते हैं कि आप काम बताइए, आपका काम हो जाएगा।
 इस संबंध में एआरटीओ प्रशासन रमेश चंद श्रीवास्तव ने बताया कि मेरी तैनाती जौनपुर में है और वह चंदौली में ए आरटीओ प्रशासन के अतिरिक्त प्रभार पर तैनात हैं। इसलिए हर सोमवार और शुक्रवार को चंदौली में पूरे दिन रहते हैं। वहीं एआरटीओ प्रवर्तन राम सिंह का भी भदोही जिले में तैनाती है, वह भी अतिरिक्त प्रभार पर हैं। वहीं वाराणसी के आरआई अवकाश पर जाने से चंदौली के आरआई को वाराणसी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

सूत्रों की माने तो भाजपा के कार्यकर्ता अजीत सिंह ने ट्रक का कागज बनवाने एआरटीओ ऑफिस आए थे। उन्होंने सबसे पहले टैक्स काउंटर पर जाकर ट्रक का टैक्स  भरवाया। उसके बाद ट्रक का फिटनेस कराया। जब फाइल कंप्लीट करके ट्रांसफर के लिए लगवाया तो उनकी फाइल रुक गई। उसके बाद उन्होंने सांसद डॉ महेंद्र नाथ पांडेय से पत्रक के माध्यम से शिकायत की।

 बताया जाता है कि जब से एआरटीओ प्रशासन का साइन और मोहर नहीं लगेगा तब तक गाड़ी का ट्रांसफर नहीं हो सकता। अजीत सिंह ने जब सांसद जी को प्रार्थना पत्र के माध्यम से शिकायत की थी। उस समय एआरटीओ प्रशासन जौनपुर में तैनात थे। जिसकी वजह से उनकी गाड़ी ट्रांसफर नहीं हो सकी।
यह वही चंदौली जिला है, जिसमें आने के लिए मारामारी मची रहती थी। एनके राय, आएस यादव और तमाम अधिकारी यहां लंबे समय तक खूंटा गाड़ चुके हैं। लेकिन आरएस यादव के जेल जाने के बाद यहां पर कोई एआरटीओ आना व टिकना नहीं चाहता है, क्योंकि उसके बाद भी यहां तैनात कई लोग नप चुके हैं।

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