सबमर्सिबल जलने से 4 वर्षों से ठप है मिनी पानी टंकी से नल का पानी, कान में तेल डालकर सोए हैं अधिकारी

डीएम साहब देखिए बनरसिया गांव में योजना का हाल
जल निगम की सोलर सिस्टम से चलने वाली स्कीम
नल द्वारा पानी आपूर्ति की योजना हो रही है फ्लाप
चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड अंतर्गत बनरसिया गांव के दलित बस्ती में लाखों रुपए खर्च करके लगाया गया मिनी पानी टंकी का समरसेबल पिछले चार वर्षों से जला हुआ है। सबमर्सिबल जलने के बाद पानी के संकट से जूझ रहे बस्ती के लोगों ने खराब पड़े हैंड पंप को चंदा जूटाकर मरम्मत कराकर किसी तरह प्यास बुझाने के साथ दैनिक कार्य को निपटा रहे हैं। चार वर्ष बीत गए मगर खराब पड़े पानी टंकी के सबमर्सिबल का सुधी लेने वाला कोई नहीं है। जिसके कारण कई वर्षों से वह शो पीस बना हुआ है।

बता दें कि ग्रामीणों को सुलभ तथा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा बनरसिया गांव में वर्ष 2014-15 में सोलर सिस्टम पर आधारित फाइबर की मिनी टंकी लगाकर पाइप के माध्यम से गांव में जगह-जगह नल लगाकर दिन के वक्त पानी की आपूर्ति किया गया। 10 वर्षों पूर्व नल द्वारा शहरों की तरह गांव के दलित बस्ती के लोगों को आसानी से पानी उपलब्ध होना उनके लिए दिवा स्वप्न साबित हुआ था। दिन के वक्त बिजली न रहने पर भी नल से पानी मिलने से लोग काफी खुश थे। दिन में ही पानी से काम निपटाना लोगों का दिनचर्या बन गया था।

ग्रामीण बताते हैं कि छः वर्षों तक सब कुछ ठीक-ठाक चलने के बाद वर्ष 2021 में पानी टंकी का समरसेबल जल गया और दलित बस्ती के लोगों को पानी के घोर संकट से जूझना पड़ गया। कई दिनों तक इधर-उधर पानी के लिए भटकने के बाद बस्ती में खराब पड़े इंडिया मार्का हैंडपंप को लोग खुद चंदा लगाकर मरम्मत कराकर पानी का जुगत बनाया। तब से आज तक ना तो उसका मरम्मत कराया गया नहीं तो जले समरसेबल को बदलकर नया लगाया जा सका। जिससे नल से पानी की आपूर्ति पिछले चार वर्षों से ठप पड़ी हुई है। और लाखों रुपए खर्च कर लगाया गया पानी टंकी बेकार साबित होने लगा है।
ग्रामीणों का कहना है कि पानी टंकी के सबमर्सिबल जलने की सूचना तथा उसे ठीक कराने के लिए ग्राम प्रधान से कई बार गुहार लगाया जा चुका है। इसके अलावा गांव में जन चौपाल के दौरान जिला स्तर तक के अधिकारियों से लिखित शिकायत तक की गई लेकिन आज तक उस पर अमल नहीं किया गया। जिसके कारण पिछले 4 वर्षों से नल से पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई है।
वर्षों तक इंतजार के बाद जब नल से पानी नहीं मिला तो बेकार पड़े फाउंडेशन की जगह पर उपली पाथने का काम हो रहा है तो वही पानी टंकी को निष्प्रयोग समझकर उसके रेलिंग पर खेती किए गए फसल का बोझ रखकर लोग अपने काम में लेने लगे हैं। वहीं जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल योजना का कार्य भी गांव में पूरी तरह से ठप पडा हुआ है। जिससे गर्मी के दिनों में ग्रामीणों को पानी के घोर संकट से जूझना पड सकता है। अब देखना है कि गर्मी के दिनों में पानी की संकट से जूझ रहे ग्रामीणों को कब तक समरसेबल लगाकर पानी टंकी से पानी की नल द्वारा आपूर्ति सुनिश्चित की जाती है या मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
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