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भारतमाला परियोजना को लेकर अडंगा डालने वाले को चेतावनी, अपर जिलाधिकारी ने कही ये बात

जानकारी के अनुसार भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनने वाला यह एक्सप्रेस वे 686 किमी लंबा व लगभग 100 मीटर चौड़ा यानी आठ लेन का बनाया जाएगा।  इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल जैसे कई राज्य जुड़ेंगे।
 

भारतमाला परियोजना एक ग्रीन फील्ड परियोजना

जमीन का अधिग्रहण सरकारी नियमों के अधीन

किसी को बरगलाने कोशिश करना गलत

शिकायतकर्ता न्यायालय में दाखिल करें अपना वाद


चंदौली जिले के अपर जिलाधिकारी ने  भारतमाला परियोजना के तहत जमीन अधिग्रहण को लेकर लोगों में दिख रही नराजगी और कुछ लोगों द्वारा इसे मुद्दा बना कर जबरन आंदोलन किए जाने के संदर्भ में जानकारी दी जा रही है। साथ ही साथ यह कहा जा रहा है कि सरकार गलत तरीके से मुआवजा दे रही है। यह सरासर गलत है और लोगों को कोई शिकायत है तो न्यायालय की शरण ली जा सकती है।  जमीन का अधिग्रहण सरकार के निर्देश और नियम के अनुरूप किया जा रहा है और सभी को सर्किल रेट से चार गुना अधिक मुआवजा दिया जा रहा है। कुछ लोगों द्वारा इसके लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है, जो गलत है।

 अपर जिलाधिकारी अभय कुमार पांडेय ने कहा कि भारतमाला परियोजना एक ग्रीन फील्ड परियोजना है, जो कई क्षेत्रों में ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरने वाली है। इसके अंतर्गत भूमि का अधिग्रहण सरकार के नियमानुसार किया जा रहा है और पुनर्वासन तथा पुनर्स्थापन के लिए उचित और पारदर्शी तरीके से एक्ट की धारा 26 के अनुसार मुआवजा दिया जा रहा है, जो सर्किल रेट सो 4 गुना अधिक है। हर किसी को लगभग चार गुना मुआवजा व ब्याज सहित दिया जा रहा है। अगर किसी को इसके लिए आपत्ति है तो वह न्यायालय में अपना वाद दाखिल कर सकता है, लेकिन गलत जानकारी देकर लोगों को बरगलाने की कोशिश करना अपराध है।

bharatmala green

अपर जिलाधिकारी अभय कुमार पाण्डेय ने बताया कि  भारतमाला परियोजना में कुल 25 ग्राम प्रभावित हैं। इनमें एक्ट की धारा-26 के अनुसार सामान्य कृषि भूमि व विगत 03 वर्षों के दौरान बैनामा की औसत दर की गणना की गयी। सर्किल रेट और बैनामों की दर में जो भी अधिक है उसका चार गुना तथा 3ए दिनांक से अवार्ड दिनांक तक 12 प्रतिशत ब्याज को समाहित करते हुए काश्तकारों को प्रतिकर का भुगतान किया जा रहा है। कुल 24 ग्रामों में से 22 ग्रामों में विगत 3 वर्षों के बैनामों की दर सर्किल रेट से ज्यादा पायी गयी है और बैनामा की दर के आधार पर प्रतिकर निर्धारण किया गया ।

अपर जिलाधिकारी ने कहा ति कतिपय व्यक्तियों द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि परियोजना में प्रतिकर कम दिया जा रहा है। यह जानकारी पूर्णतया निराधार व असत्य है। यदि किसी कास्तकार को प्रतिकर की दर पर आपत्ति है तो दरों के पुनरीक्षण हेतु आर्विट्रेटर न्यायालय में वाद योजित कर सकता है। लेकिन लोगों को जबरन भड़काने की कोशिश करके योजना में अडंगा डालने की कोशिश गैर कानूनी व गलत है।

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जानकारी के अनुसार भारतमाला परियोजना के अंतर्गत बनने वाला यह एक्सप्रेस वे 686 किमी लंबा व लगभग 100 मीटर चौड़ा यानी आठ लेन का बनाया जाएगा।  इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल जैसे कई राज्य जुड़ेंगे। इसके निर्माण में लगभग 24,275 करोड़ की धनराशि खर्च होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण का उद्देश्य बौद्धिक व कभी आर्थिक राजधानी रहे काशी को कोलकाता से सीधे तौर पर जोड़ना है। यह एक्सप्रेस वे झारखंड की राजधानी रांची से होकर जाएगा।

ऐसा होगा एक्सप्रेस-वे का रास्ता
चंदौली जिले की सीमा से शुरू होकर यह एक्सप्रेसवे भभुआ, सासाराम, औरंगाबाद, बोकारो, रांची व पुरुलिया होते हुए कोलकाता के लिए जाएगा। चंदौली जनपद में यह एक्सप्रेसवे लगभग 22 किमी लंबा होगा जबकि बिहार में इसकी लंबाई 159 किमी होने की बात कही जा रही है।

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