भारतमाला परियोजना बन रही है मुसीबत : आए दिन लग रहा जाम, विशुनपुरा से सोहदवार तक भारी जाम

DM साहब इसे भी देख लीजिए.. भारतमाला परियोजना बनी आमजन की मुसीबत
2 किमी लंबा वनवे
घंटों फंसे रहते हैं लोग
चंदौली जिले में विकास की राह पर तेजी से बढ़ने का सपना देख रहे चंदौली जिले के लोग इन दिनों भारतमाला परियोजना के चलते बड़ी मुसीबतों का सामना कर रहे हैं। सड़क निर्माण कार्य के नाम पर हो रही अव्यवस्था ने आमजन का जीवन बेहाल कर दिया है। विशुनपुरा से लेकर सोहदवार गांव तक करीब दो किलोमीटर लंबे हिस्से में सड़क पर लगातार जाम लग रहा है, जिससे राहगीरों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।

बुधवार की देर रात इसी मार्ग पर भारी वाहनों के बेतरतीब खड़े होने से पूरे रास्ते पर ट्रकों की कतार लग गई। ट्रकों और डंपरों के दोनों तरफ खड़े हो जाने से सड़क वनवे हो गई, जिससे लोगों का आवागमन बाधित हो गया। बाइक सवार, छोटे वाहन चालक और पैदल चलने वाले घंटों जाम में फंसे रहे। उमस भरी गर्मी में जाम में फंसे लोग पसीने से तरबतर हो गए और महिलाओं व बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जाम की स्थिति कोई नई नहीं है, बल्कि भारतमाला परियोजना के तहत चल रहे निर्माण कार्य के दौरान यह रोजमर्रा की समस्या बन चुकी है। निर्माण कार्य में लगे भारी वाहन अक्सर निर्माण स्थल के इर्द-गिर्द ही बेतरतीब खड़े कर दिए जाते हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो जाता है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि वाहन चालकों को दो किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटों लग जाते हैं।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “रोज इसी तरह जाम लगता है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। अधिकारी केवल कागजों में काम कर रहे हैं। बुधवार को कई बार अधिकारियों को फोन किया गया, लेकिन किसी ने मौके पर आकर जाम हटवाने की जहमत नहीं उठाई।”
सबसे चिंताजनक बात यह है कि निर्माण स्थल पर धूल उड़ने की वजह से भी लोगों को परेशानी हो रही है। एक किलोमीटर से अधिक लंबे इलाके में उड़ रही धूल से राहगीरों का दम घुटता है। वाहन चालक आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत कर रहे हैं। स्थानीय दुकानदारों और निवासियों के अनुसार, धूल की वजह से न केवल आमजन परेशान हैं, बल्कि व्यापार भी प्रभावित हो रहा है।
जनता ने जिला प्रशासन से इस समस्या के स्थायी समाधान की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि विकास के नाम पर ही उनकी जिंदगी असुविधा और संकट में डाली जा रही है, तो फिर ऐसे विकास का क्या औचित्य है?
भारतमाला परियोजना निश्चित रूप से देश की आधारभूत संरचना को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है, लेकिन इसकी आड़ में लोगों को रोजाना हो रही असुविधा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रशासन और निर्माण एजेंसियों को चाहिए कि वे कार्य को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करें, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके और विकास सचमुच जनकल्याणकारी साबित हो।
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