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कही बांस-बल्ली के सहारे तो कही ईंट बांधकर हो रही बिजली आपूर्ति, देख लीजिए डीएम साहब

विद्युत विभाग लापरवाह बना हुआ है। हाईटेंशन तार के चलते होने वाले बड़े हादसों की उसे फ़िक्र ही नहीं है। हाईटेंशन तारों को कही बांस-बल्ली के सहारे तो कही ईंट बांधकर बिजली आपूर्ति की जा रही है। 
 

चंदौली जिले में ऐसा है बिजली विभाग का काम

हाईटेंशन तारों को लेकर लापरवाह है विभाग

अमावल-चतुर्भुजपुर मार्ग पर ईंट बांधकर बिजली आपूर्ति

 

चंदौली जिले में विद्युत विभाग लापरवाह बना हुआ है। हाईटेंशन तार के चलते होने वाले बड़े हादसों की उसे फ़िक्र ही नहीं है। हाईटेंशन तारों को कही बांस-बल्ली के सहारे तो कही ईंट बांधकर बिजली आपूर्ति की जा रही है। 

इसी क्रम में अमावल-चतुर्भुजपुर मार्ग पर हाईटेंशन तार को ईंट के सहारे लटकाया गया है। तार इतना नीचे तक लटक गया है कि इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस मार्ग पर स्कूली बस से लेकर एंबुलेंस, निजी वाहन व गांव के लोगों का रोजाना आना-जाना लगा रहता है। इससे किसी हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों ने इसकी मरम्मत की मांग उठाई है।


आपको पता ही है कि गाजीपुर में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से बरातियों से भरी बस धू-धू कर जल गई। इस घटना में कई लोगों की जान चली गई, लेकिन इसके बाद भी बिजली विभाग इससे कोई सीख नहीं ले रहा। 

लापरवाही का आलम यह है कि अमावल गांव के मुख्य मार्ग पर 11 हजार वोल्ट के हाईटेंशन तार को ईंट बांधकर लटकाया गया है। यह लटका तार पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। किसी बड़े वाहन के निकलने पर तार से थोड़ा ही फासला बचता है। इसके साथ ही यह कई बार तेज हवा चलने पर टूटकर जमीन पर गिर जाता है।

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संयोग है कि कभी कोई इसकी चपेट में नहीं आया। ग्रामीण अतुल सिंह, दीपू सिंह, कल्लू खरवार ने बताया कि यह तार काफी दिनों से लटका है। शिकायत के बाद भी इसकी मरम्मत नहीं की गईं। 


इस सम्बन्ध में अधिशासी अभियंता राजन कुमार ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है। शिकायत की जांच कराकर तत्काल  मरम्मत कराई जाएगी।

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