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चंदौली मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शुरू होगी बायोप्सी, हार्मोन और विटामिन जांच की सुविधा

अभी तक गंभीर और असाध्य रोगों की पहचान के लिए चंदौली के मरीजों को वाराणसी और अन्य जिलों का रुख करना पड़ता था। लेकिन, अस्पताल में यह सुविधा मिलने से मरीजों को राहत मिलेगी।
 

हिस्टो पैथोलॉजी विभाग की स्थापना की तैयारी

मरीजों को अब वाराणसी या अन्य जिलों नहीं जाना पड़ेगा

24.50 लाख आबादी को मिलेगी सीधी सुविधा

कैंसर और असाध्य रोगों की पहचान में मददगार होगी जांच

चंदौली जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध मुख्यालय स्थित अस्पताल में अब बायोप्सी, हार्मोन और विटामिन की जांच की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए यहां हिस्टो पैथोलॉजी विभाग की स्थापना की जा रही है। विभाग में अलग से पैथोलॉजिस्ट की नियुक्ति होगी, ताकि मरीजों को जांच के लिए बाहर न जाना पड़े।

आपको बता दें कि अभी तक गंभीर और असाध्य रोगों की पहचान के लिए चंदौली के मरीजों को वाराणसी और अन्य जिलों का रुख करना पड़ता था। लेकिन, अस्पताल में यह सुविधा मिलने से मरीजों को राहत मिलेगी। उप प्राचार्य डा. नैसी पारुल ने बताया कि बायोप्सी के साथ-साथ हार्मोन और विटामिन की जांच शुरू करने की प्रक्रिया पर तेजी से काम चल रहा है। वर्ष 2025 के अंत तक ये सभी जांचें यहां शुरू हो जाएंगी।

24.50 लाख आबादी को फायदा
जनपद की करीब 24.50 लाख आबादी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मुख्यालय स्थित इस अस्पताल पर निर्भर है। यही कारण है कि इसे अत्याधुनिक संसाधनों और सुविधाओं से लैस करने का कार्य लगातार किया जा रहा है। बायोप्सी जांच सुविधा शुरू होने से कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों की पहचान समय से हो सकेगी।

क्या है बायोप्सी जांच
बायोप्सी एक ऐसी चिकित्सीय जांच है, जिसमें शरीर से ऊतक का छोटा सा नमूना निकालकर माइक्रोस्कोप से उसकी जांच की जाती है। इस प्रक्रिया में रोगग्रस्त कोशिकाओं (cells) की पहचान होती है। ये कोशिकाएं अक्सर कैंसर या अन्य गंभीर बीमारियों की वजह बनती हैं। आमतौर पर यह नमूना त्वचा, स्तन, फेफड़े या प्रोस्टेट से लिया जाता है।

निशुल्क होंगी जांचें
अस्पताल प्रशासन का दावा है कि बायोप्सी के अलावा हार्मोन और विटामिन की जांच भी मरीजों के लिए पूरी तरह निशुल्क होगी। इससे मरीजों पर आर्थिक बोझ कम होगा और उन्हें गुणवत्तापूर्ण उपचार प्राप्त करने में आसानी होगी।

अत्याधुनिक प्रयोगशाला का निर्माण कार्य जारी
अस्पताल भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और सभी विभागों को शिफ्ट कराया जा चुका है। दवा वितरण कक्ष के पास ही दो मंजिला भवन में प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। इसमें बायोप्सी और अन्य जांचों के लिए आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। दिसंबर 2025 तक इस लैब का निर्माण कार्य पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद से मरीजों को सभी सेवाएं उपलब्ध हो जाएंगी।

विशेषज्ञों की टीम करेगी कार्य
हिस्टो पैथोलॉजी विभाग में पैथोलॉजिस्ट और तकनीशियन की टीम नियुक्त होगी, जो इन जांचों को संचालित करेगी। विभाग का लक्ष्य गंभीर और असाध्य रोगों की शुरुआती पहचान करना है, जिससे समय रहते इलाज शुरू हो सके।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में बड़ा कदम
इन व्यवस्थाओं से न केवल मरीजों को स्थानीय स्तर पर बेहतर सुविधाएं मिलेंगी बल्कि इलाज की प्रक्रिया भी तेज और सरल हो जाएगी। डा. नैसी पारुल के अनुसार, जनपद के मरीजों को जांच के लिए बाहर भटकना न पड़े, इसके लिए मेडिकल कॉलेज लगातार संसाधन बढ़ा रहा है। दिसंबर तक बायोप्सी सहित सभी जांचें शुरू हो जाएंगी।

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