
शशि शंकर सिंह को चाह रहे हैं युवा नेता व कार्यकर्ता
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का भी है आशीर्वाद
इन सब कार्यों पर रहेगा शशिशंकर सिंह का फोकस
जानिए कैसे बैठाते हैं वकालत व राजनीति में तालमेल
किस बात मिलता है सर्वाधिक लाभ
चंदौली जिले की मुगलसराय विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी और व्यापक प्रचार प्रसार कर रहे शशि शंकर सिंह का मानना है कि राजनीति में कब किसका भाग्योदय हो जाए यह कहा नहीं जा सकता है। बस उसके ऊपर पार्टी की नजर पड़ने की जरूरत है। ऐसा चंदौली जिले में कई राजनेताओं के साथ हो चुका है। इसीलिए पार्टी के कई राजनेता व कार्यकर्ता आजीवन लगे रहते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के करीबी शशि शंकर सिंह का मानना है कि अबकी बार विधानसभा चुनाव में उनकी दावेदारी है। अगर संगठन और पार्टी के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं में से किसी को टिकट मिलेगा तो उसमें वह उन तगड़े दावेदारों में से एक और मजबूत दावेदार हैं। पार्टी संगठन में काफी सक्रिय रहने वाले शशि शंकर सिंह युवा नेताओं में काफी लोकप्रिय हैं और युवा इनके साथ हर तरह से मदद करने के लिए तैयार हैं।
चंदौली नगर पंचायत के नामित सभासद संतोष कश्यप का कहना है कि भाजपा में मेहनत व इमानदार छवि के नेताओं में एक हैं। छोटे बड़े हर कार्यकर्ता को सम्मान देना इनकी आदत में शुमार है। संबंधों को बखूबी तरह से निर्वहन करना जानते हैं। अगर शशि शंकर सिंह या पार्टी के किसी नेता को टिकट मिलता है तो युवा कार्यकर्ताओं की टीम इनके साथ दिन रात मेहनत करके विधायक बनाने का काम करेगी।
संयुक्त परिवार का हमेशा लाभ मिला
शशि शंकर सिंह ने कहा कि उनको संयुक्त परिवार का हमेशा लाभ मिला है और परिवार के सारे लोग मिलकर उनकी मदद करते हैं। यही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है। संयुक्त परिवार का एक अलग मजा है। अगर आप संयुक्त परिवार में रहते हैं, तो आप थोड़े सहयोग से बहुत अधिक कुछ हासिल कर सकते हैं। उन्हें राजनीति में अधिक समय व्यतीत करने का इसीलिए मौका मिल पाता है कि वह संयुक्त परिवार से संबंध रखते हैं और घर के बड़े बुजुर्ग उनके परिवार का देखभाल करते हैं। इसी की वजह से वह अपना पूरा समय अपनी वकालत और राजनीति को दे पाते हैं।
ऐसा है अपना परिवार
शशि शंकर सिंह ने कहा कि उनकी पत्नी एक घरेलू महिला हैं और उनका लड़का फिलहाल मास्टर डिग्री लेने के बाद एलएलबी कर रहा है और प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी में जुटा हुआ है। आशा है कि वह जल्द ही अपना करियर तय कर लेगा। उसकी राजनीति में फिलहाल कोई दिलचस्पी नहीं है। वहीं अब उनकी लड़की स्नातक में अध्ययनरत है। परिवार के जिम्मेदारियों का बहुत बड़ा बोझ उनके ऊपर नहीं है। परिवार के बड़े लोग पूरे परिवार का ध्यान रखते हैं और उनके बड़े भाई ही सब कुछ देखते हैं। इसलिए वह संयुक्त परिवार का आनंद लेते हुए अपना पूरा समय चंदौली जनपद की राजनीति में लगाते हैं।
चंधासी के लिए यह है सपना
भाजपा नेता शशि शंकर सिंह ने कहा कि चंधासी चंदौली जिले में सरकारी राजस्व का एक बड़ा स्थल है। यहां पर वह कई सालों से धूल गंदगी और प्रदूषण की समस्या को देखने को मिल रही है। यहां की बड़ी समस्या पर जितना ध्यान दिया जाना चाहिए था, वह नहीं दिया जा सका है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मौजूदा भाजपा विधायक के द्वारा थोड़े बहुत यहां की हालात को सुधारने के लिए हुए हैं, लेकिन अगर उन्हें विधायक बनने का मौका मिलता है तो वह चंदासी के लोगों के साथ बैठकर उसका संपूर्ण समाधान निकालने के लिए एक बड़ी कार्ययोजना बनाएंगे, ताकि धूल प्रदूषण से लोगों को मुक्ति दिलाई जा सके। वह पूर्व विधायक की परिकल्पना को आगे बढ़ाने की भी कोशिश करेंगे।
वकालत व राजनीति में तालमेल
शशि शंकर सिंह का दावा है कि अधिवक्ता कभी राजनीति अलग नहीं हो सकता है। कई अधिवक्ता राजनीति में बड़े-बड़े पदों पर हैं। यह सार्वजनिक जीवन के लिए काफी फायदेमंद व्यवसाय है। आप देखते हैं कि कचहरी में हर जाति, धर्म और समुदाय के लोग आते हैं। सबका किस कभी न कभी कचहरी में काम पड़ता ही है, जो लोग कचहरी में आते हैं और अधिवक्ता के रूप में जब आप किसी की मदद करते हैं, तो वह आपसे भावनात्मक रूप से जुड़ जाता है। इसीलिए अधिवक्ताओं को राजनीति में सफल होने की संभावनाएं अधिक हो जाती हैं।
कभी मैं भी पत्रकार था, जानता हूं पत्रकारिता के फंडे व तरीके
शशि शंकर सिंह ने कहा कि मीडिया हमेशा निष्पक्ष रुप से काम करती आई है और देश और समाज के निर्माण में मीडिया की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि मीडिया के लोगों को बहुत कुछ कहने की जरूरत नहीं है, लेकिन वर्तमान में माहौल को देखते हुए बस यही अपील करना चाहेंगे कि देश व प्रदेश के हितों को ध्यान रखते हुए काम करें और किसी के भ्रमजाल में न पड़ें। इस दौरान से शशि शंकर सिंह ने अपने पत्रकारिता के दौर की भी याद की। उन्होंने कहा कि बीएचयू में पढ़ाई के दौरान वह भी पत्रकारिता कर चुके हैं। इसलिए पत्रकारिता के बहुत सारे अनुभव उनके पास भी हैं।
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