ट्रेन को झंडी दिखाने के कार्यक्रम में हुयी मुगलसराय के फोर-लेन और सिक्स लेन के विवाद की चर्चा

जिला मुख्यालय पर ट्रेन को झंडी दिखाने का कार्यक्रम
एक साथ दिखों चंदौली के तीनों सांसद
सपा-भाजपा नेताओं के बीच छाया रहा फोर-लेन व सिक्स लेन का मुद्दा
चंदौली जिले में आज सपा व भाजपा के कई नेता एक कार्यक्रम में साथ दिखे। इसी कार्यक्रम के दौरान अतिथि के रूप में बुलाए गए सांसद-विधायक जब रेलवे के कार्यक्रम में साथ बैठे तो सपा के सांसद ने कहा कि सत्ता पक्ष के विधायक की नाक के सम्मान के लिए मुगलसराय में सिक्स लेन की सड़क को फोर लेन में बदलने की राजनीति हो रही है।

बता दें कि चंदौली मझवार स्टेशन पर ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के लिए लोकसभा सांसद वीरेंद्र सिंह और राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह तथा साधना सिंह मौजूद थीं। उनके साथ ही साथ सकलडीहा के विधायक प्रभु नारायण सिंह यादव के साथ अन्य सपा और भाजपा के नेता भी मौजूद थे। इसी दौरान चर्चाएं होने लगीं कि अपनी प्रतिष्ठा को बनाकर मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल द्वारा व्यापारियों एवं आम जनमानस को परेशान करने के साथ-साथ मुकदमा कर करवाकर जेल भिजवाने का कार्य किया जा रहा है। यह मामला हल कराने के बजाय केवल इस पर राजनीति की जा रही है।
सपा नेताओं का कहना है कि यदि सिक्स लेन बन जाएगा तो जाम की समस्या कम होगी और उससे व्यापारी भी खुश रहेंगे और आम जनमानस को भी राहत मिलेगी। इस पर सभी सांसदों ने कहा कि यह अधिकारियों एवं क्षेत्रीय विधायक की हरकत है, जिसे सारे लोग खूब समझते हैं। वहीं आम जनमानस जैसा चाहे वैसा ही सड़क निर्माण होना चाहिए, लेकिन मुकदमे की बात पर सपा के सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार संवैधानिक ढंग से अपनी बात रखने वालों के ऊपर जो मुकदमा कर रही है, वह सरासर गलत है।
सपा सांसद ने कहा कि जिस जगह पर सिक्स लेन की बात की जा रही है वहां एशिया का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। इसके साथ-साथ कोयला मंडी भी इसी क्षेत्र में स्थित है। इसलिए यहां आम जनमानस के उपयोग में सिक्स लेन होनी चाहिए। यदि यहां फ्लाईओवर ब्रिज भी बन जाए तो इसका समाधान हो सकता है। सपा के जिला अध्यक्ष ने कहा कि यह केवल मुगलसराय विधायक रमेश जायसवाल के कारण वहां बवाल हो रहा है। नहीं तो वहां यहां हर हालत में सिक्स लेन ही बनती और किसी पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं होता।
अब देखना है कि तीनों संसद के मौजूदगी में हुयी चर्चा से विधायक रमेश जायसवाल के राजनीति को कितना बल मिलता है और अधिकारी मामले को कैसे हल कराने की कोशिश करते हैं।
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