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..तो क्या नहीं मिलेगी बोर्ड की परीक्षा के लिए पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था, क्यों ऐसा बोल रहे थानेदार

चंदौली जिले के जिलाधिकारी ने परीक्षा की तैयारी के लिए 9 फरवरी को मीटिंग में अपर पुलिस अधीक्षक तथा जिले के अधिकारियों की मौजूदगी में कहा था कि जिले में नकलविहीन और स्वच्छ तरीके से परीक्षा कराई जाएगी।
 

 बोर्ड की परीक्षा सकुशल संपन्न कराने में रोड़ा

रात्रिकालीन सुरक्षा के लिए नहीं मिलेगी पुलिस

कैसे होगी पेपर कापी की सुरक्षा

तो क्या होमगार्ड व पीआरडी जवान करेंगे डंडा लेकर सुरक्षा


चंदौली जिले में बोर्ड की परीक्षा सकुशल संपन्न कराने में विद्यालय के प्रबंधक और परीक्षा का परीक्षा नियंत्रक को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। उनके सामने इस बात को दुविधा है कि उत्तर प्रदेश सरकार के शासनादेश को माने या जिलाधिकारी के आदेश को या फिर अपने इलाके के दरोगा जी की बात सुनकर अपना काम करें।

 ऐसी स्थिति में परीक्षा संपन्न कराने वाले विद्यालयों के प्रबंध तंत्र से जुड़े लोग काफी परेशान दिख रहे हैं। चंदौली जिले के जिलाधिकारी ने परीक्षा की तैयारी के लिए 9 फरवरी को मीटिंग में अपर पुलिस अधीक्षक तथा जिले के अधिकारियों की मौजूदगी में कहा था कि जिले में नकलविहीन और स्वच्छ तरीके से परीक्षा कराई जाएगी। इसके लिए हर विद्यालय को उचित मात्रा में पुलिस बल और प्रशासन से सहयोग मिलेगा, लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से विद्यालय के प्रबंधक और परीक्षा केन्द्रों के शिक्षक जब पुलिस के पास परीक्षा सकुशल संपन्न कराने के लिए, रात्रि में प्रश्न पत्रों और उत्तर पुस्तिकाओं के सुरक्षा के लिए नियमानुसार सुरक्षा मांगने जा रहे हैं तो पुलिस के थाना प्रभारी हाथ खड़े कर दे रहे हैं। 

Board Exam 2023

ऐसा जवाब दे रहे थानेदार
पुलिस का कहना है कि हर स्कूल पर रात्रिकालीन सुरक्षा के लिए पु्लिस की ड्यूटी लगाना मुश्किल है। इसके साथ परीक्षा के बाद कॉपियों को स्ट्रांग रूम तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए भी पुलिस की सुरक्षा मांग रहे हैं। लेकिन पुलिस वाले उन्हें अजीबोगरीब तरह से जवाब दे रहे हैं। कोई पुलिस लाइन में सहित होमगार्ड के जरिए परीक्षा करवाने के लिए कह रहा है तो कोई पीआरडी के जवान मांगने की नसीहत दे रहा है। पुलिस का कहना है कि थाने पर इतनी फोर्स नहीं है कि एक स्कूल को दो से तीन सिपाही दिए जा सकें।

बाबुओं के इशारे पर नाच रहे साहब
 ऐसे में परीक्षा संचालित करने वाले लोग काफी परेशान हैं। वहीं चंदौली जिले में आए नवागत जिला विद्यालय निरीक्षक हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। परीक्षा केन्द्र वाले विद्यालयों के लोगों ने जब उन्हें पुलिस की इस हरकत की जानकारी दी, तो कुछ करने की बजाय खुद से मामले को हैंडल करने की नसीहते देने लगे। जैसे परीक्षा संपन्न कराना उनकी जिम्मेदारी ही न हो। इसी के कारण जिला विद्यालय निरीक्षक की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। कई कॉलेजों के लोगों ने कहा कि वह विभाग के बाबुओं के इशारे पर नांच रहे हैं। अगर सकुशल परीक्षा हो जाए तो भगवान ही मालिक। उनको विभाग के दो खास बाबू गाइड कर रहे हैं और उनको तमाम तरह के प्रलोभन देकर मनमाने काम करा रहे हैं। 

 ऐसे में चंदौली जिले में शासन और जिला प्रशासन की मंशा के अनुरूप नकल विहीन, स्वच्छ और पारदर्शी परीक्षा संपन्न होने पर सवालिया निशान लग सकता है। ऐसे में समय रहते जिलाधिकारी के साथ-साथ पुलिस अधीक्षक को भी इस मामले में ध्यान देना होगा। वहीं जिला विद्यालय निरीक्षक को स्कूल प्रबंधन के संपर्क में रखकर अपनी आंख से यथास्थिति का आकलन करना होगा। नहीं तो नकल और पेपर आउट होने के लिए कई बार बदनाम हो चुके जिले को सुर्खियों में आने से कोई नहीं रोक सकता है।

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