अभी तक कक्षा एक-दो की नहीं आईं किताबें, सत्यापन कराने में बीत गया पढ़ाई का एक महीना
738 प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय संचालित
41 हजार से अधिक नौनिहाल कक्षाओं में अध्ययनरत
बीआरसी तक पहुंच पायीं हैं किताबें
स्कूलों में कब और कैसे होगा वितरण
आपको बता दें कि जनपद में 738 प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय संचालित हैं। इनमें कक्षा एक में 21 हजार 978 व दो में 19 हजार 365 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर विद्यालयों की विल्डिंग को तो बेहतर बनाने की कवायद चल रही, लेकिन शिक्षा की गुणवत्ता पर बिल्कुल भी घ्यान नहीं दिया जा रहा। इसी वजह से आज भी परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की स्थिति बेहद खराब है।
बताते चलें कि शिक्षा की गुणवत्ता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है। जहां पर नया शैक्षिक स्तर एक अप्रैल से शुरू हो गया है। लेकिन जिले में शासन की ओर से अभी कक्षा एक व दो के छात्र-छात्राओं के लिए पुस्तक तक नहीं भेजी गई है। ऐसे में यह छात्र बिना किताबों के पढ़ाई करने पर विवश होंगे। हालांकि कक्षा तीन से आठ तक की अधिकांश किताबें आ चुकी है। विभाग के अनुसार सभी किताब बीआरसी पर पहुंचा दी हैं। इनको भी अभी तक स्कूलों के लिए वितरित नहीं किया गया है।
तीन से आठ तक की आ गई सभी पुस्तकें
शासन स्तर से अभी कक्षा तीन से आठ तक की 15 लाख पुस्तकें आईं हैं। इसका एक अप्रैल से छात्र-छात्राओं के बीच में वितरण कराना शुरू किया था, लेकिन किताचें बच्चों तक नहीं पहुंची। कक्षा एक और दो की किताबें नहीं मिली हैं। विभाग का कहना है कि एनसीईआरटी की पुस्तकें इन कक्षाओं में चलाई जानी है। प्रकाशकों को आपूर्ति के लिए डिमांड भेजा गया है। छपाई में विलंब के कारण अभी तक किताबें नहीं आई हैं।
आपूर्ति के लिए दोबारा हुआ टेंडर
बीएसए के अनुसार, कक्षा एक व दो की पुस्तकों के लिए डिमांड व टेंडर तो अन्य कक्षाओं के साथ ही करा दिया था, लेकिन पहली बार एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम पहली व दूसरी कक्षा में लागू किया गया है।
इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने बताया कि सभी बीआरसी पर किताबें पहुंचा दी गई हैं। यहां से स्कूलों में पुस्तक भेजी जाएंगी है। अभी सत्यापन चल रहा है। शीघ्र ही बच्चों को पुस्तकें दे दी जाएंगी।
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