हर साल देर से मिलती हैं किताबें, आधी अधूरी किताबों से होती है पढ़ाई
शिक्षा विभाग की लापरवाही जारी
खराब व मनमानी व्यवस्था पर पड़ रहा प्रभाव
डेढ़ माह बीतने के बाद भी बच्चों को नही मिली किताबें
\पिछड़ रही है बच्चों की पढ़ाई
चंदौली जिले के बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही से शिक्षा व्यवस्था में सुधार की मंशा पूरी नहीं हो पा रही। डेढ़ माह बीतने के बाद भी बच्चों को किताबें और कार्य पुस्तिका नहीं मिल पाई। इससे बच्चों की पढ़ाई पिछड़ रही है। जिला पुस्तक केंद्र पर कई पुस्तकें तो आ गई हैं, लेकिन बच्चों के हाथ में नहीं पहुंच पाई हैं। ऐसा पहली बार नहीं हर साल होता है, फिर भी अफसर सबक नहीं लेते हैं।
बताते चलें कि जनपद में कुल 1185 परिषदीय विद्यालय संचालित होते हैं। जहां पर ढाई लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। जनपद में 9 ब्लॉक है। जहां पर सभी ब्लॉकों में पुस्तकों वितरण के साथ साथ अन्य कार्य के लिए ब्लॉक संसाधन केंद्र की स्थापना की गई है।
वहीं परिषदीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के शिक्षा में गुणवत्ता के सुधार के लिए कार्य पुस्तिकाएं के साथ पुस्तक शासन की ओर से उपलब्ध कराई जाती है, लेकिन स्कूल खुले डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी कार्य पुस्तिका और किताबें अभी तक नहीं मिल पाईं।
इस सम्बंध में जिला पुस्तक केंद्र प्रभारी महेंद्र प्रसाद का कहना है कि जनपद के जिला पुस्तक केंद्र से कार्य पुस्तिकाएं और पुस्तक ब्लॉक केद्र पर भेजी जा रही हैं। जनपद के सभी नौ ब्लॉक संसाधन केंद्र पर कार्य पुस्तिकाएं व पुस्तक भेज दी जाएंगी, ताकि वहां से इनका वितरण की जा सके।
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