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बिना यू-डायस कोड वाले स्कूलों पर गिरेगी गाज, जानिए क्या है नया नियम, क्यों है अनिवार्य

चंदौली जिले में बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित स्कूलों को यू-डायस कोड अलाट होता है। अब जिन विद्यालयों के पास यू-डायस कोड नहीं होगा, शिक्षा विभाग उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगा।
 

बिना यू-डायस कोड वाले स्कूलों पर होगी कार्रवाई

चलेगा अभियान

शिक्षा विभाग की योजनाओं को पारदर्शी बनाने व सूचनाएं आनलाइन रखने की पहल

चंदौली जिले में बेसिक शिक्षा विभाग से संचालित स्कूलों को यू-डायस कोड अलाट होता है। अब जिन विद्यालयों के पास यू-डायस कोड नहीं होगा, शिक्षा विभाग उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगा। बिना यू-डायस कोड के स्कूल संचालित नहीं होंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग की ओर से नए शैक्षणिक सत्र में अभियान चलाया जाएगा। नई शिक्षा नीति के तहत इंटरमीडिएट तक के सभी स्कूलों के लिए यू-डायस कोड अनिवार्य कर दिया गया है। 


शिक्षा विभाग की योजनाओं को पारदर्शी बनाने के साथ स्कूलों से जुड़ी सूचनाएं आनलाइन रखने के लिए यू डायस प्लस पोर्टल पर पंजीकरण होता है। इसमें बच्चों का विवरण पोर्टल पर अपलोड होता है। इसके बाद एक पर्सनल एजुकेशन नंबर (पेन नंबर) जारी होता है। इस नंबर से विद्यार्थी की पहचान होती है। स्कूलों को उपलब्ध सुविधाएं, शिक्षकों की संख्या, शैक्षिक योग्यता, बच्चों की प्रोफाइल का व्यौरा सूचना पोर्टल पर अपलोड होता है। प्रत्येक स्कूल को पोर्टल से यू-डायस कोड भी अलाट होता है। जनपद में 250 विद्यालय विना कोड के चल रहे हैं। जांच में ऐसे मामले पकड़ में आए हैं। नोटिस की कार्रवाई की गई है। विभाग के अनुसार 2122 परिषदीय व मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालित हैं। 


इसके अलावा 248 माध्यमिक विद्यालय भी हैं। इनमें 4.15 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। विद्यालय संचालन बंद करने की पोर्टल पर देनी होगी जानकारी : विभाग के अनुसार, विशिष्ट पहचान या प्रमाणपत्र वाले नवीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों को ही कोड देने की संस्तुति की जाएगी। बेसिक, माध्यमिक के साथ ही मान्यता प्राप्त पुराने स्कूलों को यू-डायस कोड आवंटित किया गया है। विद्यालय की बेसिक प्रोफाइल विवरण में कोई भी बदलाव जैसे श्रेणी, प्रबंधन, कक्षाओं, प्री प्राइमरी और स्ट्रीम में किसी भी प्रकार के परिवर्तन और विद्यालय बंद कराना हो तो जानकारी पोर्टल पर एक्टिव लिंक के माध्यम से देनी होगी। विद्यालय का कोड न होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

यह है यू-डायस कोड 

आधार कार्ड नंबर की तरह यू-डायस कोड है। यह 11 अंकों का है। इसमें पहले के तीन अंक प्रदेश, इसके बाद तीन अंक से जिले की पहचान होती है। कुछ दिनों बाद कार्यालय के कामकाज में स्कूलों के नाम के जगह पर यू-डायस कोड ही लिखा जाएगा। 


इस सम्बंध में प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विकायल भारती ने बतया कि सभी विद्यालयों के लिए यू-डायस कोड अनिवार्य है। जिले से जुड़े आंकड़े यू-डायस प्लस पोर्टल से ही प्राप्त होते हैं। पोर्टल पर कोड के लिए विकल्प खुल गया है। बिना कोड के विद्यालय संचालित करते पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                         

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