SDM विराग पांडेय की इस गांव में पड़ी नजर, चुनाव बाद बुलडोजर से भू माफियाओं गिराएं जाएंगे घर
तहसीलदार के जांच में नकला भीटा
अवैध रूप से नामांतरण कराने वालों पर गिरेगी गाज
सरकारी जमीन कब्जाने वालों पर पीडीडीयू नगर तहसील प्रशासन काफी सख्त
चंदौली जिले के पीडीडीयू नगर तहसील अन्तर्गत पटनवा गांव के दस व्यक्ति ने एसडीएम न्यायालय में सरकारी जमीन को निजी जमीन बताया था। उप जिलाधिकारी विराग पांडेय ने जांच कराई तो सरकारी जमीन भीठा के नाम से दर्ज निकली। इसके बाद राजस्व संहिता के नियमों के तहत उक्त जमीन को निरस्त कर दिया गया। इस उपजिलाधिकारी विराग पांडेय ने कहा कि चुनाव बाद बुलडोजर से भू माफियाओं घर गिराएं जाएंगे जाएंगे, वहीं अवैध रूप से नामांतरण कराने वालों में एसडीएम के कार्रवाई से खलबली मची है।
आपको बता दें कि सरकारी जमीन, तालाब, नवीन परती, भीटा आदि जमीनों को गलत तरीके से अपने नाम कराने वालों के खिलाफ पीडीडीयू नगर तहसील प्रशासन काफी सख्त हो गया है। गुरुवार को एसडीएम विराग पांडेय ने क्षेत्र के पटनवा गांव में भीटा की जमीन पर गलत तरीके से अपना नाम दर्ज करने वाले 10 भू माफियाओं का नाम खारिज कर जमीन को पुनः ग्राम समाज के भीटा के नाम दर्ज करने का आदेश दिया। जानकारी के अनुसार बीते दिनों पटनवा गांव निवासी लक्ष्मी ने पीडीडीयू नगर तहसील में शिकायती पत्र दिया जिसके माध्यम से गांव के आराजी संख्या 677 व 678 पर गलत तरीके से नाम दर्ज कराए जाने की शिकायत की गई थी।
इस पर एसडीएम विराग पांडेय ने तहसीलदार को मामले की जांच का निर्देश दिया। जांच के दौरान पाया गया कि गांव की आराजी संख्या 677 व 678 फसली वर्ष 1356 में गांव के भीटा के नाम दर्ज थी। लेकिन वर्तमान फसली वर्ष की खतौनी में आराजी संख्या 677 में रत्तू, राधेश्याम, चंद्रभानु व पन्नो देवी का नाम दर्ज है। जबकि 678 में ओमप्रकाश, जितेंद्र कुमार, प्रमोद कुमार, सतीश कुमार, विक्रमा चौधरी व अशोक कुमार का नाम गलत तरीके से दर्ज किया गया है। जांचोपरांत साक्ष्यों के आधार पर एसडीएम ने उक्त नामों को निरस्त कर जमीन को पुनः ग्राम समाज के भीटा के नाम दर्ज करने का आदेश दिया।
इस संबंध में एसडीएम विराग पांडेय ने बताया कि किसी भी तालाब या सरकारी जमीन पर अवैध रूप से कब्जा या गलत नामांतरण पाया गया तो सम्बंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पटनवा के दो आराजी की पौने दो एकड़ से अधिक जमीन को ग्राम समाज के भीटा के नाम दर्ज किया गया है। भू माफियाओं ने 30 साल पहले अपने नाम पर कराकर रह रहे थे, जबकि चुनाव कराने के बाद उस स्थान पर बने भू माफियाओं घर को बुलडोजर से कार्रवाई के साथ उन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
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