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चंदौली जिले में बढ़ने लगे फूड पॉइजनिंग और डिहाइड्रेशन के मरीज, जानिए क्या कह रहे हैं आंकड़े

पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 1200 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, वहीं इमरजेंसी में 50 से अधिक मरीज आते हैं।
 

शादी-विवाह के सीजन में बिगड़ा खाना बना मुसीबत

फूड पॉइजनिंग और डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या बढ़ी

जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंच रहे 10 से 15 मरीज

चंदौली जिले में शादी विवाह व अन्य मांगलिक कार्यक्रमों के चलते इन दिनों पकवानों की बहार सी है लेकिन मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण यही पकवान अब बीमारी की वजह बनते जा रहे हैं। जिला अस्पताल की इमरजेंसी में रोजाना 10 से 15 मरीज फूड पॉइजनिंग और डिहाइड्रेशन की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या महज 2-4 तक सीमित रहती थी।

बताते चले कि पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला चिकित्सालय की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 1200 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, वहीं इमरजेंसी में 50 से अधिक मरीज आते हैं। इनमें अब डिहाइड्रेशन और फूड पॉइजनिंग के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। डॉक्टरों के मुताबिक, अधिकतर वही लोग बीमार पड़ रहे हैं जो किसी शादी या समारोह में भोजन कर लौटे हैं।

इमरजेंसी में तैनात मेडिकल अफसर डॉ. संजय कुमार ने बताया कि इस मौसम में खानपान को लेकर विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। अधिक तापमान और नमी के चलते भोजन जल्दी खराब हो रहा है, जिसे खाने से फूड पॉइजनिंग की आशंका बढ़ जाती है।

डॉ. आरके वर्मा ने बताया कि फूड पॉइजनिंग एक खाद्य जनित बीमारी है, जिसके लक्षणों में पेट दर्द, दस्त, उल्टी और कमजोरी शामिल हैं। डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए भरपूर मात्रा में पानी व तरल पदार्थों का सेवन जरूरी है। ओआरएस घोल देना शुरुआती राहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि विवाह आदि आयोजनों में परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर ध्यान दें। बासी या संदेहास्पद भोजन से परहेज करें और किसी भी अस्वस्थता की स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल में संपर्क करें।

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